आईएसबीटी स्थित पंजीकरण केंद्र में रोजाना छह हजार यात्री पंजीकरण के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन केवल 2300 से 3300 यात्रियों का ही पंजीकरण हो पा रहा है। वहीं करीब तीन से चार हजार यात्री पंजीकरण के लिए अगले दिन भी कतार में लग रहे हैं।
तीर्थनगरी में रोजाना चार धाम यात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है। इससे पुलिस और प्रशासन की चिंता भी बढ़ रही है। रोजाना सुबह चार बजे से कम से कम छह हजार लोग आईएसबीटी में पंजीकरण के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। यात्रियों का बैकलाग बढ़ने से पंजीकरण की व्यवस्था भी चरमरा रही है।
सुबह चार बजे से ही आईएसबीटी के बाहर तीर्थ यात्रियों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे कोटा पूरा होते ही पंजीकरण बंद हुआ तो लाइन में सुबह से लगे तीर्थ यात्री भड़क गए। कई तीर्थयात्री तो अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए पुलिसकर्मियों से उलझ गए और उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई। कुछ यात्री आईएसबीटी से वापस लौट गए।शासन के निर्देश के बाद आईएसबीटी में पंजीकरण को कोटा बढ़ा दिया गया था। शाम को ऋषिकेश दो से तीन तक रुके यात्रियों के पंजीकरण किए गए। इनमें अधिकांश ऐसे यात्री थे जिसके दल के अधिकांश लोगों का पंजीकरण हो गया था। एसडीआरएफ उपनिरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि शाम तक 700 यात्रियों के पंजीकरण किए गए। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कुल तीन हजार 300 यात्रियों के पंजीकरण किए गए थे।आईएसबीटी में अव्यवस्था का आलम बरकरार है। सुबह से लेकर लाइन में लगे तीर्थयात्री बुधवार को भी चिलचिलाती धूप में पसीने से तरबतर होते रहे। संवाद न्यूज एजेंसी के जितेंद्र जोशी और फोटो जर्नलिस्ट राजीव कुमार ने आईएसबीटी परिसर में पंजीकरण केंद्र का लाइव किया तो अव्यवस्था जगह-जगह नजर आईं। सुबह करीब पौने 12 बजे 12 बजे के करीब पंजीकरण काउंटरों के बाहर कई घंटों से लाइन में लगे पांच तीर्थयात्री गश खाकर नीचे गिर गए। पुलिस ने यात्रियों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। दिनभर धूप से परेशान तीर्थयात्रियों की सुध प्रशासन को शाम को आई तब जाकर पंजीकरण केंद्र के बाहर शामियाना लगाया गया।