बीते साल प्रधानमंत्री ने खिलौना कारोबार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का जो आह्वान किया था, वो पीएम के संसदीय क्षेत्र में मूर्त रूप लेता दिखाई दिया। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट की ओर से बड़ा लालपुर हस्तकला संकुल में लगे क्षेत्रीय खिलौना मेले में शिल्पियोें के उत्पादों की खूब बिक्री हुई है। चार दिवसीय मेले में बिक्री के साथ ही ऑर्डर भी मिले हैं।
शिल्पियों का मानना है कि इस तरह के खिलौने मेला के आयोजन से भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी और ये चीनी खिलौना कारोबार को टक्कर भी देगी। खिलौना मेले काशी से लेकर कर्नाटक तक के उत्पादों को खूब पसंद किया गया। काशी के शिल्पियों द्वारा तैयार विश्वनाथ धाम व राम मंदिर, श्रीराम दरबार के मॉडल की बिक्री के साथ खूब ऑर्डर मिले हैं। वहीं कर्नाटक की चेन्नापटना के लाखवे खिलौने की खूब मांग रही। मणिपुर की गुड़िया, जयपुर के कठपुतली, आंध्र प्रदेश के राजा-रानी की जोड़ी, असम के टेराकोटा से बने खिलौने भी काफी पसंद किए गए।
10 से 12 लाख रुपये की हुई आमदनी
मेले में आए कर्नाटक के व्यापारी मंजुनाथ ने बताया कि मेले के लिए टेराकोटा से तैयार चिड़िया के जितने उत्पाद ले आए थे, उसमें सबकी बिक्री हो गई। लकड़ी कारोबारी सिंकू प्रजापति ने बताया कि खिलौना कारोबार खत्म होने के कगार पर था पर सरकार की ओर से ऐसे आयोजन फिर से इसमें जान डालने का काम कर रहे हैं। चार दिवसीय मेले में लगभग 10 से 12 लाख की आमदनी हुई।