द्वितीय केदार मद्महेश्वर से पांडव सेरा ट्रैक पर गए चार ट्रैकर फंस गए थे। ट्रैकर के साथ रांसी गांव के तीन पोर्टर (कुली) भी थे। एसडीआरएफ की टीम का ट्रैकर से संपर्क हो गया था, लेकिन खराब मौसम के कारण रविवार को ट्रैकर तक टीम नहीं पहुंच पा रही थी।
ट्रेकर का रेस्क्यू

ट्रैक पर फंसे चार ट्रैकर्स और उनके साथ ही लापता हुए तीन पोर्टर का आज सुबह सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया।  सेना के हेलीकॉप्टर से ट्रेकर, पोर्टर को गौचर हवाई पट्टी लाया गया है। जहां आईटीबीपी के अस्पताल में उपचार चल रहा है। ट्रेकर, पोर्टर कोल्ड इंजरी से पीड़ित हैं।

बता दें कि द्वितीय केदार मद्महेश्वर से पांडव सेरा ट्रैक पर गए चार ट्रैकर फंस गए थे। ट्रैकर के साथ रांसी गांव के तीन पोर्टर (कुली) भी थे। एसडीआरएफ की टीम का ट्रैकर से संपर्क हो गया था, लेकिन खराब मौसम के कारण रविवार को ट्रैकर तक टीम नहीं पहुंच पा रही थी। शनिवार दोपहर तीन बजे राज्य आपदा बचाव बल (एसडीआरएफ) जिला नियंत्रण रुद्रप्रयाग कक्ष को सूचना मिली कि पांडव सेरा ट्रैक पर चार ट्रैकर्स तीन पोर्टरों के साथ ट्रैकिंग के दौरान रास्ते से भटक गए हैं। बताया गया कि इन ट्रैकर्स की लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा और इनके पास खाने-पीने की भी कोई सुविधा नहीं है।

इस पर एसडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रिद्विम अग्रवाल ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रैकर के रेस्क्यू के लिए नागरिक उड्डयन विभाग से चॉपर उपलब्ध कराने को कहा। एसडीआरएफ के सेनानायक मणिकांत मिश्रा के दिशा-निर्देशन में शाम चार बजे हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू दल जरूरी उपकरणों के साथ मौके के लिए रवाना हुआ। शाम पांच बजे चॉपर अगस्त्यमुनि पहुंचा और यहां से पांडव सेरा ट्रैक के लिए रवाना हुआ। आज सोमवार सुबह टीम को ट्रैकर्स तक पहुंचने में कामयाबी मिली।

By Tarun

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