पंजीकरण न होने से करीब एक हजार तीर्थयात्रियों ने आईएसबीटी में डेरा डाल लिया है। बाकी तीर्थयात्रियों ने आश्रमों, होटलों, धर्मशालाओं और लॉज में शरण ली है।
चारों धाम की यात्रा पर जाने के लिए पंजीकरण बंद होने से शहर में करीब तीन हजार तीर्थयात्री फंस गए हैं। पंजीकरण न होने से करीब एक हजार तीर्थयात्रियों ने आईएसबीटी में डेरा डाल लिया है। बाकी तीर्थयात्रियों ने आश्रमों, होटलों, धर्मशालाओं और लॉज में शरण ली है। काउंटर पर शुक्रवार को सुबह से ही पंजीकरण के लिए तीर्थयात्रियों की लाइन लग गई लेकिन जब पंजीकरण न होने से जानकारी दी गई तो तीर्थयात्री कारण पूछते रहे। कई यात्री प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं पर रोष जताते नजर आए।
कही ठहरने की व्यवस्था न होने पर करीब एक हजार तीर्थयात्रियों ने आईएसबीटी में ही डेरा डाल दिया है। पंजीकरण न होने से तीर्थयात्रियों की बसें भी चारों धाम की यात्रा पर नहीं जा पा रही हैं। पंजीकरण न होने के बाद ऋषिकेश में रुकने का सबसे ज्यादा नुकसान बाहरी राज्यों से आए ट्रेवल एजेंटों को हो रहा है।
एक ट्रेवल एजेंट ने बताया कि ऋषिकेश में जितने दिन उनके दल में आए तीर्थयात्री रुकेंगे, उतने दिन उनके रहने खाने का इंतजाम करवाना पड़ रहा है। यात्रा प्रशासन के नोडल अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि दिनभर पंजीकरण का काम बंद रहा।
प्रशासन की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि यात्री पंजीकरण कराकर ही आएं लेकिन इस पर वे ध्यान नहीं दे रह हैं, जिस कारण संख्या अधिक होने से परेशानी हो रही है। उधर नगर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में हेमकुंड साहिब के लिए 402 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया।