बाघिन को शांत करने और पकड़ने के प्रयास चल रहे हैं, ताकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि 50 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। करीब 20 गांवों की प्रवेश सीमा में 120 कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि ग्रामीणों को आसपास के जंगलों में प्रवेश करने से रोका जा सके।
तीन महीने में छह लोगों की जान लेने वाली बाघिन पर लगा आदमखोर का धब्बा हटा दिया गया है। उसने पिछले 56 दिनों से किसी भी मानव पर हमला नहीं किया है। उसे ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का आदेश जारी रहेगा। रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में 21 दिसंबर 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच बाघिन ने छह लोगों को पनियाली, दमुवा ढुंगा और बजुरिया हल्दू के घने जंगलों में मौत के घाट उतार दिया था।

बाघिन ने कभी भी मानव बस्तियों में दखल नहीं दी थी, लेकिन लोगों के दबाव में विभाग ने बाघिन को आदमखोर घोषत कर दिया था। पिछले 55-56 दिनों में उसने किसी भी मानव पर हमला नहीं किया है। इसके बाद वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में दिए गए प्रावधानों के अनुसार बाघिन से आदमखोर का टैग हटा दिया गया है।

उत्तराखंड के वन प्रमुख (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल ने बताया कि बाघिन को शांत करने और पकड़ने के प्रयास चल रहे हैं, ताकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि 50 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। करीब 20 गांवों की प्रवेश सीमा में 120 कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि ग्रामीणों को आसपास के जंगलों में प्रवेश करने से रोका जा सके। इधर, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन डॉ. मुधकर पराग धकाते ने बताया कि बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के आदेश यथावत रहेंगे।

By Tarun

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