ऋषिकेश। जैसे-जैसे चारधाम यात्रा चरम पहुंच रही है वैसे तीर्थयात्रियों को बसें नहीं मिल पा रही हैं। कई ट्रैवल एजेंटों ने कई माह पहले बुकिंग तो पकड़ ली। लेकिन जब यात्री उनके पास आए तो उन्होंने उन यात्रियों को बस से देने से इंकार कर दिया। यात्रियों ने प्रशासन की मदद से एक धाम की यात्रा की और अपने गांव वापस चले गए।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के 105 यात्रियों का दल 14 मई तो ऋषिकेश पहुंचा। यात्रियों के एजेंट बैजनाथ गुप्ता ने बताया कि उन्होंने लक्ष्मणझूला रोड स्थित एक ट्रैवल एजेंसी से तीन बसें करीब तीन माह पहले बुक कराई थीं।
जब वह मध्यप्रदेश से ऋषिकेश पहुंचे तो संबंधित ट्रेवल एजेंट ने उन्हें बस देने से इंकार कर दिया। संबंधित ट्रैवल एजेंट ने उन्हें रोडवेज की बसों से यात्रा करने की सलाह दी। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से वह 17 मई को रोडवेज की बस से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए। 19 मई को ऋषिकेश पहुंचे। फिर ट्रैवल एजेंट के पास गए तो उसने हाथ खड़े कर दिए। तीन अन्य धाम की बजाय उन्होंने तब गंगोत्री जाने का प्लान बनाया। दो दिन ऋषिकेश में रुकने के दौरान उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन से बसों की मांग की लेकिन बसें नहीं मिली। शनिवार रात को वह मध्य प्रदेश लौट गए।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के 105 यात्रियों का दल 14 मई तो ऋषिकेश पहुंचा। यात्रियों के एजेंट बैजनाथ गुप्ता ने बताया कि उन्होंने लक्ष्मणझूला रोड स्थित एक ट्रैवल एजेंसी से तीन बसें करीब तीन माह पहले बुक कराई थीं।
जब वह मध्यप्रदेश से ऋषिकेश पहुंचे तो संबंधित ट्रेवल एजेंट ने उन्हें बस देने से इंकार कर दिया। संबंधित ट्रैवल एजेंट ने उन्हें रोडवेज की बसों से यात्रा करने की सलाह दी। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से वह 17 मई को रोडवेज की बस से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए। 19 मई को ऋषिकेश पहुंचे। फिर ट्रैवल एजेंट के पास गए तो उसने हाथ खड़े कर दिए। तीन अन्य धाम की बजाय उन्होंने तब गंगोत्री जाने का प्लान बनाया। दो दिन ऋषिकेश में रुकने के दौरान उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन से बसों की मांग की लेकिन बसें नहीं मिली। शनिवार रात को वह मध्य प्रदेश लौट गए।