बाजपुर। निर्माणाधीन चतुर्थ अत्री धाम में भगवान दत्तात्रेय, गणेश, मां सती अनुसुईया तथा महर्षि अत्री की मूर्ति स्थापना की गई। इस दौरान अभिषेक एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम, संपूर्ण विधि विधान धार्मिक अनुष्ठानों के बीच संपन्न हुआ। अखंड भारत मानव जोड़ो संकल्प के प्रणेता, विश्व चैतन्य परमपूज्य सद्गुरु श्री नारायण महाराज ने स्वयं अपने हाथों से विधि-विधान एवं धार्मिक परंपराओं को पूरा कराते हुए भव्य धार्मिक उत्सव को पूर्ण कराया। इस आयोजन के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने।
रविवार को बाजपुर के समीप यूपी बॉर्डर पर ग्राम खेड़ा पार्सल में बनाए जा रहे देश के चतुर्थ श्री अत्रीदत्त धाम मंदिर में मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए श्री नारायण धाम अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. उमेश डोंगरे ने बताया प्रात: से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए थे। उन्होंने बताया सबसे पहले परिसर में बने जलकुण्ड में गंगा पूजन किया गया। विष्णु स्त्रोत, सहत्र विष्णुनाम, शिव महिमा तथा भगवान दत्तात्रेय की आरती तथा धार्मिक मंत्रोचारण के बीच सर्वप्रथम 12 फीट ऊंची व पांच टन वजनी भगवान दत्रात्रेय की मूर्ति को श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और कीर्तन के बीच एक विशेष वाहन खींच कर मंदिर के मुख्य गर्भ गृह तक लेकर आए। इस दौरान फूलों की भारी वर्षा भी की गई। यहां पर पहले मूर्ति की बाहर से आए कारीगरों ने अंतिम साफ-सफाई की।
इसके बाद धार्मिक मंत्रोचारण के बीच मूर्ति को शहद, घी, मक्खन, दूध तथा गंगा जल से विधिवत स्नान करा कर उसे स्वच्छ किया गया। सद्गुरु श्री नारायण महाराज ने स्वयं अपने हाथों से मूर्ति पर गंगाजल डाला और चरण धोए। अन्य मूर्तियों को भी इसी प्रकार धार्मिक स्नान कराने के बाद उन्होंने मंत्रोचारण, शंख ध्वनि तथा पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनियों के बीच पहले बड़ी मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया। इस अवसर पर धार्मिक क्रियाओं को अपनाते हुए मिष्ठान, फल नैवेद्य आदि अर्पित कर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की गई। बाद में अन्य मूर्तियों को भी उनके सुरक्षित स्थानों पर स्थापित कर दिया गया। डॉ. उमेश ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान सद्गुरु श्री नारायण महाराज के नेतृत्व में मुख्य पुजारी भरत नाना विद्यासागर, पोपट भोरकर, मोहन भोरकर तथा लक्ष्मण पाटिल व उनके दर्जनों शिष्यों ने सम्पन्न कराया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद गणेश वंदना तथा दत्तात्रेय वंदना भी की गयी। सम्पूर्ण कार्यक्रम के बीच हजारों की तादाद में उपस्थित धर्मप्रेमी जनता व विशेष रूप से पूना से आये अनुयायियों ने अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ धार्मिक गीतों पर देर तक उत्साहपूर्वक नृत्य भी किए। कार्यक्रम के बीच मंदिर के स्तूप पर पांच बड़े और भारी भरकम कलश भी स्थापित किए गए। कार्यक्रम के अंत में उत्साही श्रद्धालुओं ने जमकर आतिशबाजी की।
आयोजन स्थल पर पूरे दिन प्रसाद व लंगर चलता रहा। इस भव्य आयोजन के दौरान श्री सदगुरु नारायण महाराज अण्णा के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री उल्लास पंवार, डीवाई पाटिल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. पीडी पाटिल, पुणे की कलेक्टर वैशाली इंद्रानी, मध्यप्रदेश के विधायक पांची लाल मेढ़ा, महाराष्ट्र से विधायक जगलाप, श्री नारायण धाम के डायरेक्टर डॉ. उमेश डोंगरे, महेंद्र सिंह बैनीवाल, लक्ष्मण पाटिल, मोहन बोरकर, मुकुंद बलकोडे, रविंद्र कदम, महादेस जाधव, विजयशीर सागर, नवजीवन डावरे, बाबासाहेब सोंणेष्कर, नारायण पाटिल, भरत नाना विद्यासागर, विजय आमरे, संघ प्रचारक महेंद्र दादा वेदक, भारत भूषण गुप्ता, तुलसीदास बोरकर, कैलाश लक्ष्मण बोरकर, सुरेश बोरकर नारायण सावंत, गोपीनाथ, विश्वनाथ पाटिल, प्रधान पाटिल, नारायण मसने से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं के अलावा स्थानीय धर्मप्रेमी भी इस पुनीत तथा भव्य धार्मिक आयोजन के साक्षी बने।
कड़ी चावल, दाल चावल व बूंदी भगवान का है मुख्य भोग
बाजपुर। श्री नारायण धाम के डायरेक्टर डॉ. उमेश डोंगरे ने बताया भगवान दत्तात्रेय के अनुयायियों के लिए बृहस्पतिवार का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन धाम में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है और भारी भीड़ जुटती है। उन्होंने बताया कड़ी चावल, दाल चावल तथा बूंदी भगवान दत्तात्रेय का मुख्य भोग माना जाता है। बताया कि मंदिर में चार बार आरती होती है तथा प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा को दत्तात्रेय भगवान का जन्मदिन मनाया जाता है। उन्होंने बताया अखंड भारत मानव जोड़ों संकल्प के प्रणेता, विश्व चैतन्य परम पूज्य सद्गुरु श्री नारायण महाराज का देश के चारों कोनों में नारायण धाम बनाए जाने का संकल्प पूरा हो जाने को लेकर धाम में उपस्थित सभी अनुयायी और उनके शिष्यों ने गुरु जी का पाद्य पूजन कर उनका आभार व्यक्त किया।