1. हरकी पैड़ी एवं आसपास के घाटों पर स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु अब आसानी से डुबकी लगा सकेंगे। घाटों की सीढ़ियों पर श्रद्धालुओं के स्नान में रुकावट बने रैलिंग के एक-एक पाइप को हटाकर चेन लगा दी गई है। चेन के सहारे श्रद्धालु रैलिंग पार कर गंगा में स्नान कर सकेंगे।
  2. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के 34 करोड़ के सीएसआर फंड से हरकी पैड़ी एवं आसपास घाटों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। इसमें हरकी पैड़ी एवं आसपास के सभी घाटों की सीढ़ियों को रैलिंग से कवर किया गया है ताकि स्नान करते वक्त श्रद्धालु गंगा के बहाव में न बहें। निर्माण एजेंसी यूपीडीसीसी ने रैलिंग लगाते वक्त लापरवाही बरती। रैलिंग लगने से हरकी पैड़ी एवं आसपास के घाटों की सीढ़ियों पर पानी का स्तर कहीं छह इंच तो कही डेढ़ फीट रह गया। इसमें श्रद्धालुओं को स्नान में परेशानी आने लगी और रैलिंग फांदकर गंगा में डुबकी लगाने लगे। इससे श्रद्धालुओं के गंगा में बहने का खतरा बढ़ने लगा। श्रद्धालुओं की परेशानी को अमर उजाला ने 15 दिसंबर के अंक में ‘इतने पानी में तो छींटे मारकर ही करना होगा स्नान’ शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होने के बाद मेला प्रशासन ने घाटों का निरीक्षण कर रैलिंग को स्नान में रुकावट पाया। मेला प्रशासन के निर्देश पर हरकी पैड़ी एवं आसपास के सभी घाटों पर लगाई रैलिंग से एक-एक पाइप को काटकर हटा दिया। पाइप हटाने के बाद उस जगह पर चेन लगा दी है। श्रद्धालु अब चेन पकड़कर आसानी से रैलिंग के पार गंगा जी में स्नान कर पाएंगे।

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