चारधाम यात्रा शुरू होते ही जनपद के बाजारों, कस्बों और संपर्क मोटर मार्गों पर वाहनों का अकाल पड़ गया है। लोगों को गांवों से बाजार आने व पुन: घर लौटने के लिए घंटों वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद कई बार उन्हें पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। जीएमओयूलि की बसों के साथ ही टैक्सी-मैक्सी भी यात्रियों को ढोने में जुटे हैं। वहीं, उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सीट तो दूर खड़े होने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है।

बीते सप्ताह शुरू हुई चारधाम यात्रा के शुरू होने से स्थानीय लोगों को यातायात के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जीएमओयूलि के रुद्रप्रयाग डिपो में 18 बसों का संचालन हो रहा है, लेकिन ये सभी यात्रियों को चारधाम तक पहुंचाने में जुटी है। वहीं, केदारनाथ यात्रा में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक संचालित शटल सेवा में जिले में पंजीकृत एक हजार से अधिक टैक्सी-मैक्सी में साठ फीसदी शामिल हैं, जिससे गांवों से बाजार आने वाले ग्रामीणों को भी मीलों पैदल नापना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि बस अड्डा रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, मयाली और गुप्तकाशी के टैक्सी-मैक्सी स्टैंड सूने पड़े हैं। इन स्थानों पर पहुंच रहे क्षेत्रीय ग्रामीणों को वाहनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, लेकिन कई बार उन्हें पैदल ही नापना पड़ रहा है। दूसरी ओर, उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें फुल होकर आ रही हैं। इन हालातों में पिछले चार मई से आए दिन जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में लोगों को घंटों वाहनों का इंतजार करते देखा जा रहा है।वाहन नहीं मिलने से यात्री और आम लोग परेशान चारधाम यात्रा और शादी समारोह का सीजन होने से लोगों को अपने गंतव्य के लिए वाहन नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उन्हें छोटे वाहनों को बुक करना पड़ रहा है।
मंगलवार को नगर के बस अड्डे पर ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून, दिल्ली कोटद्वार, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, बदरीनाथ व टिहरी उत्तरकाशी आदि स्थानों को जाने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी रही। घंटों इंतजारी के बाद भी स्टेशन पर जो बस पहुंची वह भी सवारियों से भरी थी। स्टेशन पर बैठने की व्यवस्था न होने से बुजुर्ग और बच्चे खासे परेशान रहे। इस दौरान कई लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मजबूरन छोटे वाहनों को बुक करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर गढ़वाल मंडल मोटर्स यूनियन कोटद्वार के जीएम विजयपाल सिंह नेगी ने बताया कि यूनियन से करीब 350 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 50 फीसदी बसे यात्रा पर लगाई गई है। टीजीएमओयू श्रीनगर के स्टेशन प्रभारी नरेंद्र कंडियाल ने बताया कि बसों के यात्रा में लगने के कारण श्रीनगर से टिहरी, उत्तरकाशी के विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों की कमी हो गई है। करीब 11 सर्विसों में मात्र दो या तीन सर्विस बसें ही संचालित की जा रही हैं।

By Tarun

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