प्रतिदिन हजारों और पर्व स्नान पर लाखों श्रद्धालु पुण्य कमाने गंगा में डुबकी लगाते हैं। पीसीबी ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले हरिद्वार से लेकर रुड़की तक 12 जगहों से जांच के लिए गंगाजल के सैंपल लिये थे, इनमें हरकी पैड़ी भी शामिल है।
गंगा श्रद्धालुओं के पाप धोते-धोते खुद मैली हो गई। गंगा का जल बिना क्लोरिनेशन या ट्रीटमेंट के पीने और आचमन करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हालांकि, स्नान करने के लिए उपयुक्त है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। पीसीबी ने भगीरथ बिंदु और हरकी पैड़ी से लेकर रुड़की तक 12 जगहों से गंगाजल की सैंपलिंग की है।सैंपलिंग रिपोर्ट में कोलीफॉर्म (एफसी) और टोटल कोलीफॉर्म (टीसी) की मात्रा स्टैंडर्ड मानक से काफी अधिक आई है। हालांकि, डिजॉल्व ऑक्सीजन (डीओ) और बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर मानक से अच्छा मिला है, जो कि जलीय जीव-जंतुओं के लिए उपयुक्त है।हरिद्वार हिंदू आस्था का केंद्र है। प्रतिदिन हजारों और पर्व स्नान पर लाखों श्रद्धालु पुण्य कमाने गंगा में डुबकी लगाते हैं। हरकी पैड़ी पर सर्वाधिक भीड़ उमड़ती है। हरकी पैड़ी तक जलधारा भगीरथ बिंदु से आती है। पीसीबी ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले हरिद्वार से लेकर रुड़की तक 12 जगहों से जांच के लिए गंगाजल के सैंपल लिये। इनमें हरकी पैड़ी भी शामिल है।