श्री काशी विश्वनाथ का भव्य, नव्य और दिव्य धाम के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। बाबा का खजाना भी बढ़ने लगा है। देश ही नहीं विदेश से भी बाबा के खजाने में चढ़ावा पहुंच रहा है। श्रद्धालु ऑनलाइन, आफलाइन के साथ ही मनीआर्डर व चेक के जरिये भी बाबा के खजाने में चढ़ावा चढ़ा रहे हैं। इसी का असर है कि पिछले माह अप्रैल में रिकॉर्ड 5.45 करोड़ का दान चढ़ावे के रूप में मिला है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या चार गुना से अधिक बढ़ी है। पर्व-त्योहारों के अलावा आम दिनों में भी सुबह से शाम तक बाबा का दरबार श्रद्धालुओं से गुुलजार रहता है। सामान्य दिनों की आंकड़ों की बात करें तो जहां श्रद्धालुओं की संख्या 10 से 12 हजार रहती थी वहीं अब यह 35 से 45 हजार तक पहुंच चुकी है। बाबा की मंगला आरती में भी रोजाना क्षमता से अधिक दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं। धाम के निर्माण से पहले सावन में जहां दो से ढाई लाख श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते थे, वहीं नववर्ष के पहले दिन साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच गए थे जो कि एक रिकॉर्ड था।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मंदिर को 10.50 करोड़ रुपये का चढ़ावा मिला था, जबकि जनवरी 2022 तक चढ़ावे की राशि 14 तक पहुंची है। अभी वर्तमान वित्तीय वर्ष का मिलान किया जा रहा है। अभी तक ऑनलाइन 2.24 करोड़, हुंडी की गिनती में 1.24 करोड़, एटीएम से 6.28 करोड़, हेल्प डेस्क पर 80 लाख, चेक से चार लाख और मनीआर्डर से 10 हजार की राशि चढ़ावे के रूप में मिली है। पूर्व न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि उनके कार्यकाल में 2017-18 में 21 करोड़ और 2018-19 में 22 करोड़ रुपये का चढ़ावा आया था।
स्वर्णिम हो रहा है बाबा का मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावा और दान की परंपरा अति प्राचीन है। अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के पुनरुद्धार के बाद महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के शिखर को स्वर्णमंडित करने के लिए सोना दान दिया था जो आज भी विद्यमान है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम विस्तार व सुंदरीकरण के बाद दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु के सहयोग से बाबा के मंदिर को स्वर्णिम कराया जा रहा है। भीतरी दीवारों को महाशिवरात्रि पर स्वर्ण मंडित करने के बाद अब बाहर की दीवारों पर भी सोना मढ़ा जा रहा है।
अब तक चढ़ावा
2017-18 21 करोड़
2018-19 22 करोड़
2020-21 10.50 करोड़
जनवरी 2022 14 करोड़