काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि हिस्ट्री ऑफ बनारस में उल्लेख है कि अकबर के शासन काल में बनारस की स्थिति बदल गई थी, लेकिन 1567 में शांति व्यवस्था कायम हुई।
ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण से संबंधित अपील पर बहस करते हुए वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने दलील दी थी कि 15वीं शताब्दी में मुगल बादशाह अकबर के कार्यकाल में राजा मानसिंह और टोडरमल ने मंदिर का पुनरुद्धार कराया था। इस बात का उल्लेख बीएचयू के इतिहासकार डॉ. एएस अल्तेकर की पुस्तक हिस्ट्री ऑफ बनारस में मिलता है।पुस्तक का प्रकाशन 1936 में किया गया था। पुरातात्विक सर्वेक्षण की अपील पर बहस करते हुए वाद मिश्र विजय शंकर रस्तोगी ने सात मार्च 2020 को न्यायालय के सामने रखा था और सुनवाई के दौरान 23 छायाचित्र व दस्तावेज भी पेश किए थे।
अकबर के शासन काल में बदली थी बनारस की स्थिति
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि हिस्ट्री ऑफ बनारस में उल्लेख है कि अकबर के शासन काल में बनारस की स्थिति बदल गई थी, लेकिन 1567 में शांति व्यवस्था कायम हुई। इसमें अकबर ने नई नीति अपनाकर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव दिखाया। इसी समय विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निमाण का प्रयास शुरू हुआ जिसका श्रेय ख्याति प्राप्त प्रकांड विद्वान नारायण भट्ट और उनके शिष्य राजा टोडरमल को जाता है।