ज्ञानवापी परसिर में दूसरे दिन कोर्ट कमिश्नर का सर्वे नहीं हो सका। विपक्षियों ने कोर्ट कमिश्नर को मस्जिद में प्रवेश करने से रोक दिया। सर्वे के अधूरे रहने पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने नाराजगी जताई है।
काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने सर्वे के अधूरे रहने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन आक्रांताओं ने मंदिर तोड़े, उनके वंशजों को संविधान और कानून व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है।
कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध जाकर सर्वे न होने देना और वहां अराजकता की स्थिति पैदा करना इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सर्वे कब तक रोकेंगे। सर्वे करने वाले अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे और इस पर निर्णय न्यायालय को लेना है।
इस तरह की अराजकता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं
अदालत ने स्पष्ट रूप से पूरे परिसर का सर्वे कराने को कहा है। किसी भी सभ्य देश और समाज में इस तरह की अराजकता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है। यह सब सुनियोजित षड़यंत्र के तहत किया गया है। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है।