विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा। इस दौरान विधि-विधान से कुबेर जी और उद्धव जी बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में विराजमान किए गए। अब चारधाम यात्रा के दौरान ग्रीष्म काल में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना छह माह धाम में ही होगी।

कपाट खुलने के बाद सबसे पहले बदरी विशाल की मूर्ति पर ढका गया घृत कंबल उतारा गया। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा गया। निर्वाण दर्शन के बाद बदरी विशाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद बदरी विशाल का श्रृंगार कर पूजा अर्चना संपन्न हुई।

बदरीनाथ धाम के सिंहद्वार व अन्य देवालयों को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। मंदिर की भव्यता ने हर किसी को भा रही है। कपाटोद्घाटन के दौरान यहां भक्ति का अद्भुत भाव देखने को मिला। देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालु यहां भक्ति में लीन दिखे। बदरी विशाल के दर्शन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ा

ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को ब्रह्ममुर्हत में 6:15 बजे खोल दिए गए। अगले छह महीने  श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस पावन मौके का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं।

रविवार सुबह बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा। धाम में पहली पूजा और महाभिषेक पीएम नरेंद्र मोदी ओर से किया गया। इस दौरान उनकी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित किया गया।

शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची।
कुबेर जी की डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव पहुंची। रविवार को सुबह पांच बजे कुबेर जी की डोली ने बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand