उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा जीवन, जीविका और आस्था का आधार है। गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखना हम सभी का दायित्व है। समेकित प्रयास से ही गंगा की अविरलता और निर्मलता संभव है। योगी ने सामाजिक संगठनों से एकजुट होकर गंगा की स्वच्छता अभियान से जुड़ने का आह्वान किया।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को ऋषिकुल महाविद्यालय के सभागार में पूर्व सीएम एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से रचित स्पर्श गंगा गीत एवं खंडकाव्य ‘मैं गंगा बोल रही’ का विमोचन किया। इस दौरान स्पर्श गंगा ई-पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

दोनों मुख्यमंत्रियों ने स्पर्श गंगा प्रहरियों को सम्मानित भी किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पर्श गंगा अभियान चलाकर गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया। जिससे दुनिया में गंगा के प्रति एक आस्था और निष्ठा देखने को मिलती है। गंगा और यमुना का उद्गम देवभूमि उत्तराखंड में है, हिमालय पर्वत उत्तर भारत में जलापूर्ति करता है।

योगी ने स्पर्श हिमालय की ओर से हिमालय की स्वच्छता और संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की। स्पर्श हिमालय की ओर से लेखक गांव के स्थापना की परिकल्पना को योगी ने हिमालयीय राज्यों के लिए एक ‘मॉडल गांव’ की रूपरेखा बताया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने 2009 में स्पर्श गंगा अभियान की शुरूआत की। मां गंगा एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए उनकी ओर से सराहनीय कार्य किए गए हैं। गंगा की निर्मलता बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अनेक कार्य हुए हैं।इस मौके पर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, स्पर्श गंगा अभियान की संयोजक आरुषि निशंक, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह चौहान, सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश जमदग्नि, राजेश नैथानी, कार्यक्रम संयोजक रीता चमोली, बाल कृष्ण चमोली, मनोज गौतम ,मनीष पांडे आदि मौजूद रहे।

By Tarun

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