सीएम योगी ने कहा कि महाराणा प्रताप भारत के पराक्रम व शौर्य के प्रतीक हैं। गुप्तारघाट जहां श्रीराम ने अपनी अंतिम यात्रा की थी, यहां महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना एक पुनीत कार्य है।
गुप्तारघाट पर स्थापित महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा का सीएम योगी ने किया अनावरण

आज सभी के सहयोग से भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। एक साल के अंदर भगवान श्रीराम अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। मंदिर ऐसा होगा-न भूतो न भविष्यति। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। वह शुक्रवार को गुप्तारघाट पर स्थापित महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा के अनावरण के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप भारत के पराक्रम व शौर्य के प्रतीक हैं। गुप्तारघाट जहां श्रीराम ने अपनी अंतिम यात्रा की थी, यहां महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना एक पुनीत कार्य है। महाराणा ने मात्र 28 वर्ष की उम्र में अपनी दूरदर्शिता, पराक्रम, शौर्य के बल पर अभाव की चिंता किए बगैर विशाल सेना बनाकर अकबर की सेना का सामना किया और मेवाड़ को आजाद कराया। जब भी भारत के शौर्य की बात होगी तो महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी व गुरु गोविंद सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा। कहा कि आज गुप्तारघाट से अयोध्या तक रिवर फ्रंट का निर्माण हो रहा है। आने वाले दिनों में जब पर्यटक यहां आएंगे तो वह महाराणा प्रताप का गुणगान किए बिना नहीं रह पाएंगे।
इस दौरान उन्होंने मूर्ति का निर्माण करने वाले राजस्थान के कारीगर महावीर का सम्मान भी किया। इस मौके पर उनके साथ प्रदेश सरकार के नगर विकास/ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डीपी सिंह, सांसद लल्लू सिंह, पूर्व सांसद विनय कटियार, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, अमित सिंह चौहान, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, अविवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, कार्यक्रम के आयोजक अजय प्रताप सिंह, संयोजक राजेश सिंह, पार्षद प्रतिनिधि चंदन सिंह, डॉ. यशपाल सिंह, अंबरीश सिंह चौहान समेत अन्य मौजूद रहे।
प्रभु श्रीराम आज भी मानव जीवन के लिए प्रेरणास्रोत
योगी ने कहा कि अयोध्या सप्तपुरियों में एक है। यह सूर्यवंश की राजधानी भी रही है। दुनिया की सबसे पवित्र नदी गंगा को धरती पर लाने वाले राजर्षि भागीरथ व प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली है। मानव रुप में भगवान श्रीराम ने मानव जीवन के हर एक उतार चढ़ाव का दृढ़ता पूर्वक सामना करते हुए उस कालखंड में एक मापदंड तैयार करने वाले प्रभु श्रीराम आज भी मानव जीवन के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
रामकाज में विश्राम कैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न है कि अयोध्या विश्व की सर्वोत्तम नगरी बने। उनका यह स्वप्न जल्द ही पूरा होने वाला है। अयोध्या में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। आज मैंने स्वयं अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा की। मंदिर के निर्माण कार्य को नजदीक से देखा। रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य का जायजा लिया। परिषदीय स्कूल में शिक्षण कार्य को देखा। कहा कि पर्यटन, लोक निर्माण, सेतु निगम, नगर विकास समेत अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष आज अयोध्या में हैं। इनके साथ निर्माण कार्य की समीक्षा भी की। सब ठीक चल रहा है, यह रामकाज है, इसमें विश्राम कैसा।
मंदिर निर्माण शुरू होने पर अयोध्यावासियों ने ली चैन की सांस
सीएम ने कहा कि वर्ष 1528 में विदेशी आतताइयों ने अयोध्या की भूमि को अपवित्र किया। तब से अयोध्यावासी चैन की सांस नहीं ले रहे थे। उनका संकल्प था कि मंदिर निर्माण होने पर पर ही वह चैन की सांस लेंगे। कहा कि हमारे बाबा गुरु ने मंदिर में मूर्ति रखवाने में सहयोग दिया। हमारे गुरुदेव पूज्य स्व अवैधनाथ जी महाराज ने मंदिर निर्माण के लिए लंबा संघर्ष किया। आज उनके त्याग व बलिदान का फल मंदिर निर्माण के रूप में दिखाई दे रहा है। कहा कि कुछ लोगों ने मंदिर निर्माण न होने तक सिर पर साफा न बांधने का संकल्प लिया था। उन्होंने पांडाल में साफा लगाकर बैठे लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज उनका भी संकल्प पूरा हुआ।

By Tarun

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