12 वर्ष बाद आने वाले प्रत्येक कुंभ महापर्व का कोई आयोजन अब अक्तूबर से फरवरी तक नहीं होगा। जनवरी से शुरू होने वाले स्नान पहले ही मार्च तक स्थगित किए जा चुके हैं। धर्मध्वजाओं के नए मुहूर्त पहली मार्च से निकाले जाएंगे।

कुंभ से पहले प्रत्येक बार अक्तूबर के महीने में रमता पंचों के डेरे पंचपुरी की सीमाओं पर लगते आए हैं। फिर अखाड़ों के मुहूर्तों के अनुसार रमता पंच बड़े बड़े जुलूसों के साथ अखाड़ों की कुंभ मेला छावनियों में प्रवेश करता है।
इन पेशवाइयों को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु उमड़ते थे। इसके बाद सभी अखाड़ों की धर्मध्वजाएं देवताओं के साथ स्थापित की जाती हैं। इससे अखाड़े रोशन होने के साथ ही सभी जगह धार्मिक गतिविधियां और समष्टि भंडारे शुरू हो जाते हैं। इन सभी आयोजनों के लिए समस्त अखाड़े विशेष मुहूर्त निकलवाते हैं।

 

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