कोरोना महामारी के बाद इस साल चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आने की संभावना है। सरकार के स्तर से इसकी तैयारी की जा रही है। पिछले दिनों विभाग के मंत्री एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चारधामों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा था।
प्रदेश में चल रही बिजली किल्लत के बीच उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने चारधाम यात्रा में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दावा किया है। इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है

दरअसल, कोरोना महामारी के बाद इस साल चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आने की संभावना है। सरकार के स्तर से इसकी तैयारी की जा रही है। पिछले दिनों विभाग के मंत्री एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चारधामों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा था।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि चारों धाम में 24 घंटे बिजली उपलब्ध होगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। संबंधित क्षेत्र के सभी अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। जहां भी कमियां हैं, वह दूर की जा रही हैं।
केदारनाथ में भूमिगत विद्युत लाइन बिछाई गई है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की विषम परिस्थितियों के बावजूद यूपीसीएल चारधाम में 24 घंटे बिजली आपूर्ति को प्रतिबद्ध है।

उद्योगों में बिजली की खपत 20 फीसदी बढ़ी

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि उद्योगों में बिजली की खपत अचानक बढ़ गई है। सामान्य से करीब 20 प्रतिशत अधिक बिजली खपत हो रही है। वहीं, अप्रैल माह में तापमान बढ़ोतरी की वजह से भी खपत में पांच से दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल इन दिनों बाजार में बिजली करीब 3.75 रुपये प्रति यूनिट थी जो कि आज 11 से 12 रुपये तक खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2468 मेगावाट की सालाना डिमांड है, जिसके सापेक्ष पैदा होने वाली 5211 मेगावाट बिजली में से राज्य कोटे के तहत 1320 मेगावाट बिजली मिलती है।
भार 443 प्रतिशत, उत्पादन 35 प्रतिशत बढ़ा
यूपीसीएल के मुताबिक, वर्ष 2001 में 8.3 लाख बिजली उपभोक्ता थे, जिनकी संख्या इस साल मार्च में 27.28 लाख पर पहुंच गई। उपभोक्ताओं की संख्या में 229 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। प्रदेश में 2001 में बिजली का भार 1466 मेगावाट था जो कि मार्च तक बढ़कर 7967 यानी 443 प्रतिशत बढ़ोतरी पर आ गया। इसके सापेक्ष, यूजेवीएनएल 2001 में 998 मेगावाट बिजली देता था जो कि अब 1356 मेगावाट तक आ गया है। यानी बिजली का उत्पादन केवल 35 फीसदी ही बढ़ा है।

By Tarun

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