केदारनाथ धाम के लिए नौ एविएशन कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। वहीं, हेली सेवा के संचालन में सुरक्षा मानकों का जायजा लेने के लिए जल्द ही डीजीसीए के विशेषज्ञों की टीम उत्तराखंड आएगी। केदारनाथ हेली सेवा के संचालन में सुरक्षा मानकों का जायजा लेने के लिए जल्द ही डीजीसीए के विशेषज्ञों की टीम उत्तराखंड आएगी। टीम की ओर से गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी हेलीपैड में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया जाएगा। डीजीसीए की अनुमति के बाद ही हेली सेवा संचालित की जाएगी।एक माह पहले ही 6 से 20 मई तक हेली सेवा की बुकिंग फुल हो चुकी है। लगभग 3500 टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग हुई है। जिसमें 15 हजार यात्री हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचेंगे। हेली सेवा संचालन के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से कुछ अनुमति लेनी है। जिसके बाद ही एविएशन कंपनियों को हेली सेवा संचालन की अनुमति होगी।
केदारनाथ धाम के लिए नौ एविएशन कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। इसमें गुप्तकाशी से एरो एयर क्राफ्ट व आर्यन एविएशन, फाटा से पवन हंस, चिपसन एविएशन, थंबी एविएशन और पिनाक्ल एयर कंपनी, सरसी हेलीपैड से एरो एयर क्राफ्ट, हिमालयन हेली व केट्रल एविएशन की ओर से हेली सेवा संचालित की जाएगी।
केदारनाथ धाम के लिए नौ एविएशन कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। इसमें गुप्तकाशी से एरो एयर क्राफ्ट व आर्यन एविएशन, फाटा से पवन हंस, चिपसन एविएशन, थंबी एविएशन और पिनाक्ल एयर कंपनी, सरसी हेलीपैड से एरो एयर क्राफ्ट, हिमालयन हेली व केट्रल एविएशन की ओर से हेली सेवा संचालित की जाएगी।
नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि केदारनाथ हेली सेवा के पायलटों के सत्यापन के लिए डीजीसीए की एक समिति गठित है। 27 अप्रैल को समिति की दिल्ली में बैठक होगी। इसके बाद हेली सेवा में सुरक्षा मानकों का जायजा लेने के लिए डीजीसीए की टीम उत्तराखंड आएगी।