संकटमोचन संगीत समारोह की तीसरी निशा में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पंडित दीपक मजूमदार के शिष्य पवित्र ने नृत्य प्रस्तुति का आरंभ आदि शंकराचार्य विरचित शिव पंचाक्षर स्तोत्र से किया।
संकटमोचन संगीत समारोह की तीसरी निशा का आगाज भरतनाट्यम से हुआ। इस शैली में हनुमत दरबार में पहली बार हनुमान चालीसा की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। शुक्रवार को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पंडित दीपक मजूमदार के शिष्य पवित्र ने नृत्य प्रस्तुति का आरंभ आदि शंकराचार्य विरचित शिव पंचाक्षर स्तोत्र से किया।पहली बार बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे पवित्र ने भावपूर्ण प्रस्तुति से नया प्रतिमान स्थापित किया। दर्शकों ने भी हर हर महादेव के जयघोष से कलाकार के भावों में उत्साह के रंग भरे। हनुमान चालीसा पर नृत्य ने तो संकट मोचन के दरबार में मौजूद दर्शकों का रोम रोम झंकृत कर दिया।भरतनाट्यम शैली में हनुमान चालीसा की अभिव्यक्ति का पहला अवसर हर किसी के भाव को छू गया। हनुमान चालीसा में वर्णित अशोक वाटिका एवं भगवान सूर्य को हनुमान द्वारा निगलने के प्रसंग को उन्होंने बड़े ही प्रभावी तरीके से दर्शकों तक पहुंचाया। नृत्य के साथ-साथ दर्शकों की तालियां भी संगत कर रही थीं।