सरकार ने चारधाम यात्रा की तैयारी तो शुरू कर दी है, लेकिन कोरोना सैंपलिंग और टेस्टिंग के लिए कर्मचारी ही नहीं हैं। जबकि कई प्रदेशों में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
इस साल अब तक चारधाम यात्रा को लेकर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि रिकार्ड संख्या में तीर्थ यात्री उत्तराखंड पहुंचेंगे। इसको देखते हुए प्रशासन और पर्यटन विभाग की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। लेकिन यदि कोरोना संक्रमण से निपटने और उसके फैलाव को रोकने के लिए देखें तो कोई इंतजाम अब तक नजर नहीं आ रहे। दिल्ली में केस लगातार बढ़ रहे और वहां मास्क अनिवार्य कर दिया है। चारधाम यात्रा में भी बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कोनों से यात्री धर्मनगरी से होकर जाएंगे। सरकार की ओर से पर्यटकों से कोविड संक्रमितों को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। जनपद के 192 आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार की ओर से 31 मार्च को हटा दिया गया था। इससे बॉर्डर समेत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थलों पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।पहले यहां होती थी कोविड जांच पहले नारसन, चिड़ियापुर, भगवानपुर, खानपुर बॉर्डर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे समेत विकास भवन, मेला अस्पताल, जिला अस्पताल, हरकी पैड़ी आदि स्थानों पर कोविड जांच की जाती थी। पर अब यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पहले कोरोना, अब सरकार से लड़ रहे कर्मचारी कोविड में लगाए गए कर्मचारियों को सरकार ने कार्यमुक्त कर दिया है। तब से वह आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने पहले सीएमओ कार्यालय पर धरना दिया। अब पूरे प्रदेश के कार्यमुक्त कर्मचारी देहरादून में आंदोलन कर रहे हैं।
सरकार की ओर से कोविड में लगाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाया गया है। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं। अब जैसे सरकार से आदेश मिलेंगे। उसके अनुसार कोविड संक्रमण को लेकर काम किया जाएगा।