कद्दूखाल से डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई से मिलेगी राहत। पहले दिन 240 से अधिक भक्तों ने किया सफर। रोपवे नवरात्र से पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन विभागीय कार्रवाई में देरी के कारण यह शुरू नहीं हो पाया था।
लंबे इंतजार के बाद सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है। अब भक्तों को डेढ़ किमी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। रोपवे नवरात्र से पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन विभागीय कार्रवाई में देरी के कारण यह शुरू नहीं हो पाया था। पहले दिन करीब 240 श्रद्धालुओं ने रोपवे से सफर कर मंदिर में दर्शन किए हैं। रोपवे में मंदिर तक आने-जाने का किराया 177 रुपये तय किया गया है। सुरकंडा देवी मंदिर के लिए वर्ष 2015-16 में पीपीपी मोड में रोपवे बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 2017 में पार्टनरशिप कंपनी ने रोपवे निर्माण का कार्य शुरू किया। सर्दियों में काम की गति धीती रहने और कोरोना के कारण निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाया था। आखिरकार बीते नवरात्र में काम पूरा हुआ, लेकिन प्रशासनिक कार्यों की उलझन के कारण सीएम इसका शुभारंभ नहीं कर पाए।कई दिनों के इंतजार के बाद बृहस्पतिवार को रोपवे को शुरू कर दिया गया। 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए रोपवे में 16 डिब्बे लगाए गए हैं। एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं। कद्दूखाल से मंदिर तक डेढ़ किमी की पैदल चढ़ाई से लोगों को अब राहत मिल जाएगी। 523 मीटर लंबे रोपवे से लोग महज पांच से दस मिनट में मंदिर पहुंच जाएंगे।
ऐसे पहुंचें मां सुरकंडा देवी मंदिर
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राट है। यहां से बस या टैक्सी मिल जाएगी। सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून में है। सड़क मार्ग से मां सुरकंडा मंदिर पहुंचने के लिए हर जगह से वाहनों की सुविधा है। देहरादून से वाया मसूरी होते हुए 73 किमी दूरी तय कर कद्दूखाल पहुंचना पड़ता है। यहां से दो किमी पैदल दूरी तय कर मंदिर पहुंचा जा सकता है। जबकि ऋषिकेश से वाया चंबा होते हुए 82 किमी की दूरी तय कर भी यहां पहुंचा जा सकता है। यहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाओं की सुविधा है।
सभी तकनीकी जांच के बाद सुरकंडा देवी रोपवे का अनौपचारिक शुभांरभ कर दिया गया है। इसका किराया भी अपडाउन का मात्र 177 रुपये रखा गया है। रोपवे शुरू होने पर श्रद्धालुओं ने काफी खुशी जताई है। अब हर दिन यात्री रोपवे से सफर कर सकेंगे।