पुलिस ने रविवार को 14 आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से 12 को जेल भेज दिया, जबकि अंसार और गोली चलाने का आरोपी असलम पुलिस कस्टडी में है। इलाके में फिलहाल तनावपूर्ण शांति का माहौल है। गृह मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच और कंपनियां भेजी हैं।
पुलिस ने रविवार को 14 आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से 12 को जेल भेज दिया, जबकि अंसार और गोली चलाने का आरोपी असलम पुलिस कस्टडी में है। इलाके में फिलहाल तनावपूर्ण शांति का माहौल है। गृह मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच और कंपनियां भेजी हैं। दिल्ली पुलिस ने पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
अमन कमेटियों से की जा रही है बातचीत
शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस के बाद बिगड़ी बात
संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा
इन लोगों की गिरफ्तरी
गिरफ्तार आरोपियों में से चार एक ही परिवार के हैं। पुलिस ने असलम व एक आरोपी को पिस्टल समेत दबोचा है। सभी आरोपी जहांगीरपुरी के अलग-अलग ब्लॉक के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ बलवा करने, सरकारी काम में बाधा, ड्यूटी के दौरान हमला, मारपीट, आगजनी, जानलेवा हमला, आपराधिक षड्यंत्र और ऑर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है।
असलम सीएए विरोधी दंगों में भी नामजद
संवदेनशील इलाकों में ड्रोन से रखी जा रही है नजर
जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा के बाद दिल्ली का माहौल रविवार को शांतिपूर्ण रहा है। हालांकि दिल्ली में तनाव का माहौल जरूर था। ऐसे में दिल्ली कहीं पर भी सुरक्षा व्यवस्था में कोर-कसर नहीं छोडना चहाती थी। दिल्ली में शनिवार रात से संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया। रविवार को इस सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया था। दिल्ली पुलिस जगह-जगह यानि अति संवेदनशील जगहों पर असौला, जामिया नगर, सीमा पुरी, जगतपुरी, जेएनयू व उत्तर-पूर्व में हुए दिल्ली वाली जगहों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही थी। इन जगहों पर ड्रोन उड़ाकर इलाके पर नजर रखी गई थी। साथ ही ये देखा गया कि लोगों ने छत आदि जगहों पर तो पत्थर व बोतलें आदि तो एकत्रित नहीं कर रखी हैं।
रविवार को अति संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स को लगाया गया था। दिल्ली के ज्यादातर इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल मार्च कर रही थीं। लोगों को कहीं पर एक जगह एकत्रित नहीं होने दिया जा रहा था। जहां भी लोग एकत्रित होते थे पुलिस उन्हें वहां तितर-बितर कर देती थी। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने सभी पुलिस बल को सड़कों पर रहने के आदेश दिए गए थे।
घायल इंस्पेक्टर ने बताया- शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस के बाद भड़की हिंसा
हिंसा में घायल व जहांगीरपुरी में तफ्तीश इंस्पेक्टर के रूप में तैनात इंस्पेक्टर राजीव रंजन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने शिकायत में कहा है कि शोभा यात्रा ई-ब्लॉक जहांगीरपुरी से शाम 4.15 बजे शुरू हुई और मंगल बाजार रोड, महिंद्रा पार्क में समाप्त होनी थी। शोभायात्रा शांतिपूर्ण चल रही थी। दो घंटे तक सब कुछ शांतिपूर्ण चलता रहा। करीब छह बजे शोभायात्रा सी-ब्लॅाक जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का शख्स चार-पांच साथियों के साथ आया और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लग गया।
उन्होंने बताया कि पथराव रोकने के लिए व शांति बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग कर दिया गया। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद दोनों ही पक्षों की ओर से नारेबाजी व पथराव शुरू हो गया। माहौल ज्यादा खराब होने पर कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस बल मौके पर बुलाया।
आंसू गैस के गोले छोड़कर हालत काबू किए
एफआईआर में बताया है कि पुलिस की लगातार अपील के बाद भी एक पक्ष पत्थरबाजी करता रहा। पुलिस ने 40-50 आंसू गैस के गोले दागे, ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। लेकिन भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर फायरिंग और पथराव किया। थाना जहांगीरपुरी के एसआई मेदालाल के बाएं हाथ में गोली लगी। उपद्रव कर रहे लोगों ने एक स्कूटी में आग लगा दी और चार-पांच गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी।
मौके पर मिले पत्थर, बोतलें और क्षतिग्रस्त वाहन
जांच अधिकारी जहांगीरपुरी थाने के सब-इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो वहां पत्थर, टूटी बोतलें और क्षतिग्रस्त वाहन पड़े थे। लोगों से पूछताछ में पता लगा कि बवाल में कई लोग घायल हुए हैं, जो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश- दंगाइयों पर हो सख्त कार्रवाई
जहांगीपुरी इलाके में शनिवार को हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यहीं वजह है कि हालात काबू करने के बाद पुलिस दंगाइयों की धरपकड़ में जुट गई।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की जांच की तरह ही जहांगीरपुरी मामले की जांच की जाएगी। इसके लिए पुलिस ने वैज्ञानिक सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। सीसीटीवी फुटेज के अलावा, मोबाइल से बनाए गए वीडियो, फोटो, मोबाइल डंप डाटा समेत दूसरे वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसके बाद आरोपियों की पहचान के लिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक का सहारा लिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे चाहे किसी की भी साजिश हो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस की अलग-अलग टीमें सबूत जुटा रही हैं। लोकल पुलिस के अलावा जिले के स्पेशल स्टाफ, एएटीएस और स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की टीमें सहयोग कर रही हैं। बवाल के दौरान देखा कि गया कि दोनों ओर से पथराव करने के अलावा बोतलें फेंकी गईं। कुछ शरारती तत्वों ने गोलीबारी भी की। ये लोग वीडियो ओर सीसीटीवी में कैद हुए हैं।
पुलिस इनको सलाखों के पीछे पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चेहरा पहचानने की तकनीक के जरिये आरोपियों की पहचान कर उन तक पहुंचा जाएगा। आरोपियों को सजा दिलवाने में यह वैज्ञानिक तकनीक बेहद अहम रोल अदा करेगी। डंप डाट के आधार पर कौन-कौन लोग हिंसा के समय मौके पर थे, उनका भी पता किया जाएगा।