रामनवमी पर कई राज्यों में हुए बवाल की आग शनिवार को दिल्ली भी पहुंच गई। हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में निकाली जा रही शोभा यात्रा पर कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आकर पथराव करने लगे। छतों पर से शोभा यात्रा निकाल रहे लोगों पर पथराव किया गया। उपद्रवियों ने सड़क पर खड़े वाहनों के अलावा पुलिस के कुछ वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी कर दी। शोभा यात्रा में शामिल लोगों पर हमले के बाद सड़क पर करीब 500 मीटर तक सड़क पर कांच, पत्थर व ईंटें बिखरी थीं। सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर इतनी मात्रा में कांच की बोतलें व पत्थर कहां से आ गए। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जहांगीरपुरी के सी-ब्लाक में जब शोभा यात्रा धार्मिक स्थल के पास से गुजर रही थी तभी उपद्रव हो गया। यहां दोनों पक्षों के लोगों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया था।

उपद्रव शुरू होते ही चारों तरफ भगदड़ मच गई थी। लोग बस भाग रहे थे और जान बचाने के लिए सुरक्षित जगह देख रहे थे। दोनों तरफ से पथराव हो रहा था। कांच की बोतलों फेंकना शुरू हो गया था।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब उपद्रव को शांत किया तो सड़क पर करीब 500 मीटर के स्टैच पर पत्थर, कांच व ईंटें बिखरी हुई थीं। इतने कम समय में कांच की बोतल, ईंट व पत्थर कहां से आ गए।

कहीं कांच की बोतल व पत्थर को पहले से तो जमा करके नहीं रखा गया था। एच ब्लाक में रहने वाले मनीष ने बताया कि साजिश के तहत यह उपद्रव हुआ है। उपद्रव के लिए एक समुदाय ने पहले से तैयारी कर रखी थी।

साजिश के तहत ग्रुप बनाकर हथियार, बोतल व पत्थरों को एकत्रित किया हुआ था। घटनास्थल के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि उपद्रव करना पूरी तरह से नियोजित था। जिसके लिए बोतल व पत्थर पहले से मंगवा लिए गए थे।

साजिश की भनक पहले से थी
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि उपद्रव होने की आशंका पहले से ही थी। बताया जा रहा है कि  पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में इसे दिल्ली पुलिस की खुफिया विभाग यानि स्पेशल ब्रांच की असफलता बताई जा रही है। के ब्लॉक के रहने वाले राजबीर ने बताया कि  शोभा यात्रा निकालते और उसकी तैयारी करते वक्त दंगा होने की आशंका पहले से थी तो पुलिस को इस बारे में क्यों नही पता चला था।

10 टीमें आरोपियों को पकड़ने में तैनात
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की छानबीन के लिए पुलिस की 10  टीमों को काम सौंपा गया है। स्पेशल सेल, अपराध शाखा व जिला पुलिस के अलावा जिले के स्पेशल स्टाफ को लगाया गया है।

पुलिस मौके का डंप डाटा उठा रही है। पुलिस ने देर रात आरोपियों को पकडने के लिए छापेमारी शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया था।

By Tarun

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