(11-17 April) : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की दशमी तिथि के साथ अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हो गई है जो 17 अप्रैल तक रहेगा। इसके साथ ही 17 अप्रैल से वैशाख माह की शुरुआत हो जाएगी। इस सप्ताह एकादशी, बैसाखी, गुड फ्राइडे, पूर्णिमा, हनुमान जयंती के साथ कई खास व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। जानिए अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह 11 से 17 अप्रैल के बीच पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में
12 अप्रैल 2022, कामदा एकादशी
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन लोग व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। कामदा एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हजारों साल तपस्या करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखना फलदायी माना जाता है।
14 अप्रैल- प्रदोष व्रत, मेष संक्रांति, बैसाखी, अनंग त्रयोदशी, महावीर जयंती
14 अप्रैल, गुरुवार को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। इस बार गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस दिन व्रती सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें और दिनभर व्रत रखना चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अनंग त्रयोदशी का व्रत करने का भी विधान है। भगवान कामदेव को अनंग के नाम से जाना जाता है यानी जिसका कोई अंग न हो। जब भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था तो वह बिना अंग के ही हर व्यक्ति के शरीर में समा गए थे। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पति-पत्नी के बीच मधुरता बढ़ती है और संतानहीन दंपति को यह व्रत जरूर रखना चाहिए।
14 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करने वाला है। जिसके कारण इसे मेष संक्रांति के रूप में जाना जाएगा। जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति बनती है। मेष संक्रांति का असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ेगा।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती भी मनाई जा रही है। इस दिन जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर में से अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
सिख समुदाय का पर्व बैसाखी भी इसी दिन मनाया जा रहा है। फसल पक जाने के कारण मनाया जाता है। इसके अलावा आज के दिन ही खालसा पंथ की स्थापना हुई थी।
16 अप्रैल- हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान हनुमान ने जन्म लिया था। इसी कारण इस दिन को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार की हनुमान जयंती काफी खास है क्योंकि इस दिन शनिवार भी पड़ रहा है। माना जाता है कि आज के दिन हनुमान जी की पूजा, चालीसा करने से हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती हैं।
चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है।
17 अप्रैल- वैशाख माह शुरू
चैत्र पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही वैशाख माह की शुरुआत हो जाती है। यह हिंदू नववर्ष कैलेंडर के अनुसार दूसरा माह माना जाता है। इस माह काफी खास व्रत त्योहार पड़ते हैं।