माँ मनसा देवी हरिद्वार : राजाजी टाइगर रिजर्व की वर्ष-1903 में माँ मनसा देवी के नाम डी-फॉरेस्टेड की गयी वन भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्ज़ा कर धड़ल्ले से श्रद्धालुओं की भावनाओ के साथ खिलवाड़ करने वालो से भूमि को कब्जा मुक्त करा विभागीय कब्जे में लेने व् फर्जी रूप से भूमि पर स्वामित्व जताने वालो के विरुद्ध बेदखली की कार्यवाही की मांग करने के चक माँ मनसा देवी के नाम हस्तांतरित किया गया था (सलग्न-1) जिसपर मेहतानी सरस्वती देवी द्वारा भूमि पर स्वामित्व जताते हुए 1963 में चार व्यक्तियों के नाम एक वसीहत नामा किया (सलग्न- 1-3) जिसमे मेहतानी द्वारा माँ मनसा देवी मंदिर के नाम चक को निजी भूमि बताया गया जबकि इस भूमि से सम्बंधित भू-अभिलेख,स्वामित्व अभिलेख
राजस्व अभिलेखों में दर्ज/अंकित नहीं चले एते है आज दिनांक तक भी यह भूमि पर स्वामित्व वन विभाग का ही दर्ज चला आता है (सलग्न-1 ) वर्ष -1972 में विभागीय भूमि पर एक श्री माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट नामक ट्रस्ट का गठन किया गया जिसका नवीनीकरण समय पर न होने के कारन ये संस्था श्रीमा मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट आज दिनांक तक अपंजीकृत की श्रेणी में दर्ज चली अति है(सलग्न-५) श्रीमान जी जांच का
विषय यह है की 13 व्यक्तियों के नाम दर्ज ट्रस्ट आज दिनांक तक अपंजीकृत की श्रेणी में है व् कभी ट्रस्ट के रूप में कार्य न करने के बावजूद चार व्यक्तियों द्वारा किस आधार पर माँ मनसा देवी मंदिर चक पर कब्ज़ा कर फर्जी ट्रस्ट की आढ़ में मंदिर का सञ्चालन किया जा
रहा है प्रार्थी द्वारा पूर्व में भी लगातार पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया है की यह संपत्ति राजाजी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत है व् इस संपत्ति की जवाबदेही भी राजाजी टाइगर रिज़र्व के अधिकारीयों की है राजस्व अभिलेखों में भूमि के दर्ज न होने व वन संपत्ति होने के
कारन जिला प्रसाशन भूमि सम्बन्धी कार्यवाही करने में असमर्थ है माननीय सर्वो उच्च न्यायालय में दायर सिविल अपील नो-4850 ऑफ़ 2021 के आदेश दिनांक-06 /09/2021 (सलग्न ) में माननीय न्यायालय द्वारा उल्लेखित किया गया है की पुजारी,ट्रस्टी या मैनेजर द्वारा भगवन की संपत्ति पर स्वामित्व सम्बंधित दवा नहीं किया जा सकता व् यह संपत्ति आजीवन भगवन की ही रहेगी किन्तु विडंबना यह है की माँ मनसा देवी मंदिर के नाम दर्ज चक पर मेहतानी द्वारा स्वामित्व जताते हुए वसीहत नामे के फर्जी दस्तावेज बनाये गए जिनके आधार पर आज दिनांक तक माँ मनसा देवी के नाम दर्ज भूमि पर स्वामित्व बताते हुए 4 व्यक्तियों द्वारा कब्ज़ा कर धड़ल्ले से 420 कर करोडो श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है जो की माननीय सर्वोच्च न्यायालय व् माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों का उलंघन है।
वर्तमान में तथा कथित श्री माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट (अपंजीकृत) द्वारा माँ मनसा देवी मंदिर का सञ्चालन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया जा रहा है, महोदय श्री माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट नामक एक संस्था-1972 में पंजीकृत करवाई गयी थी जिसमे की कुल 13 व्यक्ति तत्समय पड़ें सदस्य थे जिसका नवीनीकरण न कराये जाने के कारन संस्था अपंजीकृत की श्रेणी में आ गयी थी व् वर्तमान में भी संस्था अपंजीकृत की श्रेणी में है(सलग्न-१), वर्तमान में महंत रविंद्र पूरी (कथित अध्यक्ष मॉ मनसा देवी मंदिर),अनिल शर्मा (कथित ट्रस्टी),राज गिरी (कथित ट्रस्टी),बिंदु गिर (कथित ट्रस्टी) द्वारा माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट लिखते हुए माँ मनसा देवी मंदिर का सञ्चालन फर्जी वसीहत नामे के आधार पर किया जा रहा है महोदय संज्ञान ले की 40 x 40 का एक चक 1903 में वन विभाग द्वारा माँ मनसा देवी मंदिर के नाम हस्तांतरित किया गया था (सलग्न-1) माननीय सर्वो उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक- 6 सितम्बर 2021 सिविल अपील संख्या 4850 ऑफ़ २०२१ (सलग्न) में आदेशित करते हुए कहा गया है की मंदिर के नाम संपत्ति पर किसी भी पुजारी,मैनेजर,या ट्रस्ट द्वारा स्वामित्व नहीं जताया जा सकता मंदिर के नाम हस्तांतरित संपत्ति आजीवन भगवन की ही रहेगी।वर्तमान 4 व्यक्तियों द्वारा संचालित श्री माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट जैसी कोई संस्था आज दिनांक तक अस्तित्व में ही नहीं है लगातार इन व्यक्तियों द्वारा माँ मनसा देवी मंदिर में चढने वाला दान,सोना-चांदी आदि का गमन धड़ल्ले से किया जा रहा है जिसकी सुचना अनुरोधकर्ता द्वारा लगातार पत्राचार के माध्यम से जिम्मेदार अधिकारीयों को समय समय पर दी गयी है किन्तु आज दिनांक तक प्रभावशाली व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी है और इन व्यक्तियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साशन-प्रसाशन को लगातार गुमराह करते हुए धड़ल्ले से 420 कर दान में आने वाले रुपियों पैसों का गमन किये जा रहे है। श्री माँ मनसा देवी मंदिर धर्मार्थ ट्रस्ट (रजि) जिसका पंजीकरण संख्या-77 वर्ष 2022 समाज सेवी व्यक्तियों द्वारा उप निबंधक महोदय के कार्यालय में पंजीकृत कराई है व् पंजीकृत ट्रस्ट माँ मनसा देवी मंदिर धर्माथ हेतु सञ्चालन करने में समर्थ है।