श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को बैसाखी पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी। इसके उपरांत आचार्यगणों व वेदपाठियों द्वारा द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की तिथि तय कर घोषणा की जाएगी।
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर व तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि बैसाखी के पावन पर्व पर पंचांग गणना से तय कर घोषित की जाएगी। पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर और मार्कंडेय मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना भी होगी।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को बैसाखी पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी। इसके उपरांत आचार्यगणों व वेदपाठियों द्वारा द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की तिथि तय कर घोषणा की जाएगी। साथ ही द्वितीय केदार की चल उत्सव विग्रह डोली के पंचकेदार गद्दीस्थल से धाम प्रस्थान का दिन भी निर्धारित किया जाएगा।
उधर, शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी और हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि तय होगी। वहीं गौरीकुंड स्थित गौरी माई मंदिर के कपाट भी ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद आराध्य देवी की छह माह की पूजा-अर्चना इसी स्थान पर होगी।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को बैसाखी पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी। इसके उपरांत आचार्यगणों व वेदपाठियों द्वारा द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की तिथि तय कर घोषणा की जाएगी। साथ ही द्वितीय केदार की चल उत्सव विग्रह डोली के पंचकेदार गद्दीस्थल से धाम प्रस्थान का दिन भी निर्धारित किया जाएगा।
उधर, शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी और हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि तय होगी। वहीं गौरीकुंड स्थित गौरी माई मंदिर के कपाट भी ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद आराध्य देवी की छह माह की पूजा-अर्चना इसी स्थान पर होगी।