चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर आस्था धाम विंध्याचल श्रद्धालुओं से पट गया। माता के जयकारे से विंध्य धाम की समस्त गलियां गूंज उठीं। चैत्र नवरात्र मेला के शुरू होते ही संपूर्ण विंध्याचल की छटा देखते ही बन रही है।
चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर विंध्यधाम में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा है। मंगला आरती के बाद से ही मां की एक झलक पाने के लिए अनवरत कतार लगी है। हाथों में नारियल चुनरी लेकर जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए लोग शनिवार देर शाम से ही कतारबद्ध हो गए थे। देवी धाम का हर कोना माता के जयकारे से गूंज रहा है।
नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं। मां विंध्यवासिनी का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी पर आस्था भारी है। पहाड़ी पर स्थित अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर में भी दर्शन के लिए लंबी कतार लगी है। सुबह से ही तीनों प्रमुख मंदिरों में माता के जयकारे व घंट घड़ियाल गूंज रहे हैं।
नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं। मां विंध्यवासिनी का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी पर आस्था भारी है। पहाड़ी पर स्थित अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर में भी दर्शन के लिए लंबी कतार लगी है। सुबह से ही तीनों प्रमुख मंदिरों में माता के जयकारे व घंट घड़ियाल गूंज रहे हैं।
अलौकिक छटा बिखेर रही सजावट
विंध्यधाम परिसर में विराजमान सिद्धिविनायक सहित मां काली, मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां शीतला, माता लक्ष्मी, पंचमुखी महादेव, दक्षिणमुखी हनुमान, राधा कृष्ण, डाक भैरव व बटुक भैरव सहित कई अन्य देवी देवताओं के मंदिरों में जाकर श्रद्धालु बड़े श्रद्धा भाव से शीश नवाकर दर्शन-पूजन कर रहे हैं। विंध्याचल दरबार के साथ ही मां अष्टभुजी देवी व महाकाली मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों की फूल, पत्तियों और रंग-बिरंगे झालरों से की गई सजावट अलौकिक छटा बिखेर रही है।