दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से गंगा आरती में स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रविवार की शाम को होने वाली गंगा आरती लता मंगेशकर के नाम रही। मोक्ष दायिनी मां गंगा के तट पर दीपों से स्वर की देवी को दीपांजलि दी गई। मां गंगा में दीप दान पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई। कोरोना काल में पिछले कुछ हफ्तों से मां गंगा की आरती सांकेतिक रूप से संपन्न की जा रही है। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, आशीष तिवारी, हनुमान यादव व भव्या रूपानी मौजूद रहे।पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कहा कि आज मैंने सुना तो इतना दु:ख हुआ कि मैं इसका वर्णन नहीं कर सकता। वे मुझे बहुत मानती थीं। मैं मुंबई जब उनके घर गया तब हाथ पकड़कर अंदर ले गईं। देखा कि कोने में दो तानपूरा रखे थे। लता जी की आवाज में जो सुरीलापन था, वह बहुत कम लोगों में मिलता है। ऐसी गायिका सदियों में एक ही पैदा होती हैं। लता जी की आवाज में जो ओज था। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।कट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि लता मंगेशकर के जाने से एक युग का अंत हो गया। वे ऐसी गायिका थीं जिन्हें शास्त्रीय व लाइट म्यूजिक वाले दोनों पसंद करते थे। उन्होंने पंडित भीमसेन जोशी व राजन-साजन के साथ भी गायन किया। सदियों के अंतराल के बाद ऐसे कलाकार जन्म लेते हैं। युवा कलाकारों के लिए लता जी एक आदर्श हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand