चारधामों में बुधवार से उत्तराखंड के श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं के जयकारों से धामों में सन्नाटा टूट गया है। पहले दिन चारधामों में 132 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। जबकि 422 तीर्थयात्रियों को पास जारी किए गए थे। वहीं, देवस्थानम बोर्ड की ओर से धामों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
मंदिर तक जाने वाले स्टील की रेलिंग को कपड़े से ढका गया है, जिससे संक्रमण का खतरा न रहे। सरकार ने बुधवार से पूरे प्रदेश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा खोल दी है। पहले दिन ई-पास के जरिए चारों धामों में कुल 132 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसमें बदरीनाथ में 52, केदारनाथ में 70, गंगोत्री में 10 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, यमुनोत्री में दर्शन के लिए तीर्थयात्री नहीं पहुंचे।
अप्रैल और मई माह में कपाट खुलने के बाद चारधामों में श्रद्धालुओं की आवाजाही से रौनक बढ़ने लगी है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन के माध्यम से ई-पास जारी किए जा रहे हैं। केदारनाथ धाम में महिलाओं ने चौलाई का प्रसाद भी तैयार किया
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि पहले दिन चारधामों के लिए 422 लोगों को पास जारी किए गए। आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। धामों में जिला प्रशासन के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
वहीं, स्थानीय प्रशासन की मानें तो सरकार की ओर से राज्यवासियों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने की घोषणा के बावजूद बुधवार को स्थानीय लोगों को छोड़ किसी तीर्थयात्री ने यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम का रुख नहीं किया। दोनों धामों में होटल, ढाबे समेत सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान ही नहीं सरकारी गेस्ट हाउस भी बंद पड़े हैं। इसके चलते यहां पहुंचने वालों को खाना और ठहरना तो दूर चाय तक नसीब नहीं हो रही है।