विंध्याचल। मौष पूर्णिमा पर सोमवार को विंध्याचल में श्रद्धालु उमड़े रहे। गंगा स्नान व दान के बाद मां विंध्यवासिनी दरबार पहुंचकर दर्शन पूजन कर पुण्य का लाभ कमाया। भीषण शीतलहर के बीच लोग स्नान करते रहे। अखाड़ा घाट, गुदारा घाट, पक्का घाट, दीवान घाट पर भक्त गंगा स्नान के मंदिर पहुंचकर कतारबद्ध रहे। मंगला आरती के पश्चात जैसे ही मां विंध्यवासिनी मंदिर का पट खुला तो माता के जयकारे संग किसी ने गर्भगृह तो किसी ने झांकी से ही दर्शन किया। दर्शन पश्चात मंदिर परिसर में विराजमान अन्य देवी और देवताओं के दर्शनकर भक्तों ने मंदिर की परिक्रमा की। दर्शन व पूजन का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। कोतवाली गली, पुरानी बीआईपी एवं नई बीआईपी से भक्त दर्शन पूजन करते रहे। परिक्रमा पथ पर मध्यान आरती के पश्चात काफी भीड़ दिखाई दी। मां विंध्यवासिनी का दर्शन व पूजन बाद अधिकांश भक्तों ने विंध्य पर्वत पर विराजमान माता काली एवं अष्टभुजा देवी के भी दर्शन किए। सुरक्षा व्यवस्था में श्री विंध्य पंडा समाज अध्यक्ष समेतपदाधिकारी के अलावा प्रभारी एवं धाम चौकी प्रभारी मय फोर्स के साथ डटे रहे। हलिया : पौष पूर्णिमा पर गड़बड़ा धाम स्थित मां शीतला दरबार पहुंचकर हजारों की संख्या में भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। मां शीतला के दर्शन पूजन के बाद भक्तों ने श्रृंगार के सामान, लकड़ी एवं बांस के बने बर्तन, लाई, जलेबी खरीदे। मंदिर प्रबंधक प्रकाश चंद्र शुक्ल ने बताया देर शाम तक लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाया।