भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ‘घोषणाजीवी’ करार दिया और उन पर पिछले तीन साल से सिर्फ घोषणाएं करने का आरोप लगाया। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा की गई नई घोषणाओं को लेकर प्रतिक्रिया में पूनिया ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ‘घोषणाजीवी’ हैं, पिछले तीन साल से सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं, धरातल पर कुछ नहीं है।’ भाजपा नेता ने कहा कि 2018 के कांग्रेस के जन घोषणापत्र में प्रदेश के सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ करने का वादा किया गया था, आज प्रदेश के 60 लाख किसान कर्ज माफ होने का इंतजार कर रहे हैं।
शनिवार को अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में गहलोत ने 13,195 करोड़ रुपये के 2,512 विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इस दौरान गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार ने पिछले तीन बजटों में की गई 87 प्रतिशत घोषणाओं को पूरा किया है।
पूनिया ने कहा, “मुख्यमंत्री पिछली घोषणाएं और वादे को पूरा करने के बजाय सिर्फ घोषणाएं करने में ही व्यस्त हैं और अपनी कुर्सी बचाने के जुगाड़ में लगे हैं।’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक ‘घोषणाजीवी’ हैं। वह पिछले तीन वर्षों से केवल घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है।”
सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी साधा निशाना
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत सरकार की तीसरी बरसी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा जनता भुगत रही है। अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और अपराधियों में कोई खौफ नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराध में पहले स्थान पर पहुंच गया है और बच्चों के खिलाफ अपराध में पांचवें स्थान पर है।”
बेनीवाल ने आरोप लगाया, “बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और सरकार शासन में पारदर्शिता की बात करती है। राज्य में सड़कों की स्थिति खराब है और किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी और बेरोजगारी भत्ता के वादे पूरे नहीं किए गए हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत लोगों के लिए काम करने के बजाय कुर्सी बचाने में लगे हैं।