शाह ने बैठक में राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के कार्यों और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सरकार की समय शुरू की गईं योजनाओं की जमकर तारीफ की थी। पार्टी के एक नेता ने अमर उजाला से कहा कि शाह की दोनों नेताओं की तारीफ करने से स्पष्ट संदेश जाता है कि वे राज्य के पार्टी नेताओं के बीच मतभेदों को खत्म करने पर जोर दे रहे हैं…
राजस्थान भाजपा में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरह जहां राज्य की पूर्व सीएम और भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, तो वहीं प्रदेशाध्यक्ष पूनिया भी राजे के खिलाफ बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस बीच गृहमंत्री शाह ने दोनों नेताओं के बीच चल रहे शीतयुद्ध का पटाक्षेप करने की कोशिश की है और गुजरात मॉडल अपनाकर राज्य में चुनाव जीतने का मंत्र दिया।
दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को भाजपा की राज्य कार्यसमिति को संबोधित करने के लिए जयपुर पहुंचे थे। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को पीएम मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना है। किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चेहरे के रूप में पेश करने से बचना चाहिए। शाह ने सभी को याद दिलाया कि ‘व्यक्ति से महत्वपूर्ण संगठन होता है और जो संगठन के साथ चलते हैं उनका सूर्य कभी अस्त नहीं होता है’। उन्होंने तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति रहे भैरों सिंह शेखावत का उदाहरण दिया, जिन्हें कभी भी पार्टी का साथ न छोड़ने का फायदा हुआ। गृहमंत्री शाह ने राजस्थान भाजपा को गुजरात से सीख लेने की नसीहत भी दी। जहां भाजपा पन्ना प्रमुख मॉडल को अपनाकर पिछले दो दशकों से सत्ता में है।