बिहार के अररिया जिले में देश के अब तक का सबसे तेज ट्रायल देखने को मिला। यहां की एक पॉक्सो अदालत ने महज एक दिन की कार्यवाही में एक व्यक्ति को एक आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुना दी। देश में किसी भी पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा) अदालत की ओर से यह अब तक का सबसे जल्दी सुनाया गया फैसला है।

पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश शशि कांत राय ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही उसे पीड़िता के पुनर्वास के लिए सात लाख रुपये देने का निर्देश दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार। अदालत ने यह फैसला चार अक्तूबर को सुनाया था लेकिन मामले से संबंधित आदेश की प्रति 26 नवंबर को उपलब्ध करवाई गई।

गवाही, दलीलें, फैसला… सब महज एक दिन में
अदालत ने गवाहों के बयान दर्ज करने, दलीलें सुनने, आरोपी को दोषी ठहराने और निर्णय सुनाने का काम महज एक दिन में पूरा किया। इस सबसे तेज फैसले को लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग के तहत आने वाले अभियोजन निदेशालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह संभवत: पहला ऐसा मामला है जिसमें देश में एक दिन के मुकदमे में सजा दी गई है।

मध्यप्रदेश के दतिया के मामले का तोड़ा रिकॉर्ड
बच्ची से दुष्कर्म की घटना इस साल 22 जुलाई को हुई थी और इसके अगले दिन इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। पॉस्को के सरकारी वकील श्यामलाल यादव ने कहा, ‘अररिया का मामला देश में सबसे तेज ट्रायल वाला मामला था। इसने मध्यप्रदेश के दतिया जिले के 2018 के मामले रिकॉर्ड तोड़ दिया जिसमें तीन दिन में सजा कार्यवाही पूरी की गई थी।’

 

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