हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से सफलता के उपाधि मिलते ही सैकड़ों छात्रों के चेहरे खिल उठे। 1410 विद्यार्थियों को उपाधियों और स्वर्ण पदक से नवाजने का क्रम शुरू हुआ तो खचाखच भरा सभागार शाबासी की तालियों से गूंज उठा। इस दौरान छात्रों के चेहरे पर सफलता और अतिथियों के चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी।

रविवार को पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के लिए सभागार को पूरी तरह से पारंपरिक सनातनी रंग में रंगा गया था। राष्ट्रपति के सभागार में पहुंचने से पहले वहां देशभक्ति के गीतों की धुन बजती रही।

राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान की धुन बजाई गई और सभी लोग अपने स्थानों पर खड़े हो गए। इसके बाद विवि की छात्रों ने पतंजलि का कुल गीत गाया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और सभी मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया।

इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां और पदक बांटने शुरू किए। विश्वविद्यालय के छात्रों ने हल्के बादामी व क्रीम कलर की धोती और कुर्ता, छात्राओं ने इसी रंग की साड़ी और राजस्थानी कुर्ता पहना था।

छात्रा को उपाधि देते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद – फोटो : अमर उजाला
छात्र-छात्राओं ने भगवा रंग की पगड़ी पहनी थी। सनातनी रंग में रंगे छात्रों को जब राष्ट्रपति ने अपने हाथों से उपाधि देकर सम्मानित किया तो वह भावविभोर दिखाई दिए। कार्यक्रम में 700 छात्रों को स्नातक उपाधि से सम्मानित किया गया। जिसमें बीए योग विज्ञान में  473, बीएससी

620 छात्रों को स्नातकोत्तर उपाधि दी गई, जिसमें एमए योग विज्ञान के 354, एमएससी योग विज्ञान के 191, एमए मनोविज्ञान के 28, एमए दर्शन के 23, एमए संस्कृत साहित्य के 21, एमए संस्कृत व्याकरण के 3 छात्र शामिल थे। 1 छात्र को विशिष्ट आचार्य उपाधि (एमफिल) और 11 छात्रों को (पीएचडी) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। 78 छात्रों  को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

 

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