गुरु पर्व के मौके पर शुक्रवार को पुलिस की नाक के नीचे अकाली दल मान अमृतसर से जुड़े सिख समाज के लोग हरकी पैड़ी स्थित गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी पहुंच गए। सिख समाज के लोग यहां तड़के तीन बजे पहुंचे और अरदास भी लगाई। वहीं लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के आसपास बैरिकेडिंग लगाई थी।
पुलिस और खुफिया विभाग को तक नहीं लगी भनक
पुलिस ने सिख समाज के लोगों को रोकने के लिए काफी प्रयास किए थे। इस दौरान गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी में अरदास लगाने के साथ ही श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण भी किया गया। इस दौरान खुफिया विभाग सोता रह गया। वहीं जिन पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी पर लगाई गई थी, उन्हें भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं हुई।
गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी आ रहे सिख समाज के लोगों को रोका
वहीं गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी आ रहे सिख समाज के लोगों को पुलिस ने ज्वालापुर के दीनारपुर गांव के पास रोक लिया। जिसके बाद वह धरने पर बैठ गए, लेकिन पुलिस कर्मियों की अपील के बाद समाज के लोग वापस लौट गए।
पृथक जोन बनाया
स्नान पर्व के दौरान ज्ञान गोदड़ी प्रकरण को देखते हुए प्रस्तावित स्थल (भारत स्काउट एवं गाइड कार्यालय) पर पृथक जोन बनाया गया है। जिसके प्रभारी अधिकारी, जोनल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी व सेक्टर अधिकारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकरण को लेकर सिख समुदाय के लोगों को जनपद हरिद्वार और हरकी पैड़ी पहुंचने से रोकने के लिए जिले की सीमाओं पर स्थित चेक पोस्ट पुलिस को विशेष चेकिंग अभियान चलाने को कहा गया है।
गुरुनानक देव इस स्थल पर आए थे
बताया जाता है कि हरिद्वार में हरकी पौड़ी के पास लंढोरा हाउस भवन था। वर्ष 1974 में कुंभ से पूर्व घाट की विस्तारीकरण योजना में यह भवन और अन्य इमारतें ढहा दी गई थीं। इस स्थल पर पुल का निर्माण कर दिया गया। पुल के नीचे स्काउट एंड गाइड का कार्यालय भी है।
कहा जाता है कि गुरुनानक देव इस स्थल पर आए थे। सिख समाज के लोग इस स्थान को ज्ञान गोदड़ी का स्थल बताते हैं। इसी को लेकर विवाद निरंतर चल रहा है। हर वर्ष ज्ञान गोदड़ी दर्शन के लिए सिख समाज के लोग यहां पहुंचते हैं। जिन्हें पुलिस-प्रशासन रोकता है।