जनसुनवाई में अपने किरायेदार की शिकायत लेकर आई वृद्ध महिला की मदद के लिए जिला प्रशासन आगे आया है। उसने न केवल बकाया किराया वसूला, बल्कि किरायेदार से घर भी खाली करवाया।

इंदौर में जिला प्रशासन बेसहारा वृद्धजनों का सहारा बन रहा है। अपने घर पर कब्जे से परेशान बुजुर्ग एवं निराश्रित व्यक्तियों के लिए अब जिला प्रशासन के रूप में उम्मीद की नई किरण मिली है। न केवल उन्हें खुद के घर का मालिकाना हक दिलाया जा रहा है बल्कि किराये की बकाया राशि भी दिलाई जा रही है।

इसी तारतम्य में गत दिनों जनसुनवाई में पहुंची 77 वर्षीय वृद्ध महिला सुशीला शर्मा ने कलेक्टर  मनीष सिंह से गुहार लगाई कि मोतीतबेला स्थित उनके घर पर किरायेदार ने कब्जा कर लिया है। बार-बार तकाजा करने के बाद भी पिछले एक साल से किराया नहीं चुकाया है।


दिलवाया मालिकाना हक
शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने एसडीएम को निर्देश दिए। एसडीएम अंशुल खरे ने महिला को न केवल उनके मोती तबेला स्थित मकान का मालिकाना हक दिलाया बल्कि बकाया किराया, मेंटेनेंस तथा बिजली के बिल की राशि का भुगतान भी कराया। एसडीएम  खरे ने बताया कि जिले में कलेक्टर  मनीष सिंह के निर्देशन में वृद्धजनों, निराश्रित व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए सतत अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया और आगे भी इसी तरह वृद्धजनों एवं निराश्रित व्यक्तियों की सहायता जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी।

 

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