मध्यप्रदेश में लगभग 23 हजार ग्राम पंचायतें हैं। 2014 में पंचायत चुनाव हुए थे। इसके बाद 2019 में चुनाव होने थे लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में मप्र में कांग्रेस सरकार आई और फिर नए सिरे से आरक्षण आदि की प्रक्रिया में समय बीत गया। जब चुनाव की बातें होने लगीं तो कोरोना ने रोक लगा दी। 2020 से अब तक कोरोना के कारण चुनाव टलते गए। पंचायतों के साथ ही जिला व जनपद पंचायत, कृषि उपज मंडी, नगरीय निकायों के चुनाव नहीं हो सके। निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह कहा था कि कोरोना अब नियंत्रण में है लिहाजा चुनाव करवाए जा सकते हैं। इस लिहाज से देखें तो मप्र में जल्द पंचायत चुनाव हो सकते हैं।
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। सरपंची का ख्वाब पाले बैठे लोगों की उम्मीदें फिर से परवान चढ़ने लगी है तो जिला पंचायतों के अध्यक्ष-सदस्य बनने की चाहत रखने वालों में भी हलचल होने लगी है। चुनाव आयोग की तैयारियों से लग रहा है कि दीपावली के बाद राज्य में पंचायत चुनाव करवाए जा सकते हैं। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पंचायतों में नेताओं की टूट चुकी आस फिर से जगी है और वे अपने लिए समीकरण बनाने में लग गए हैं।
दरअसल राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की सभी तैयारियां जल्द पूरी करें। कोरोना महामारी के कारण पहले चुनाव नहीं करवाए जा सके पर अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। टीके की एक खुराक लगभग सभी को लग चुकी है। इसलिए अब निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है। सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कलेक्टरों के साथ चर्चा की। हालांकि इसमें उन जिलों के कलेक्टर शामिल नहीं हुए जहां लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव होने हैं।
मार्च में हो चुका है मतदाता सूची का प्रकाशन
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि पंचायतों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन तीन मार्च 2021 को हो चुका है। इसके बाद भी कोई विशेष त्रुटि सामने आती है तो आयोग से अनुमति प्राप्त कर उनमें सुधार कर सकते हैं। ऐसे मतदान केंद्र जहां 750 से अधिक मतदाता हैं, वहां एक अतिरिक्त मतदानकर्मी की नियुक्ति मतदान दल में की जाएगी।
मतदान केंद्रों का करवाएं भौतिक सत्यापन
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करवाएं। इनमें जो भी कमियां हों, तत्काल दूर करें। रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति जल्द करें। जिला पंचायत सदस्यों के नाम निर्देशन-पत्र जिला मुख्यालय, जनपद पंचायत सदस्यों के ब्लॉक मुख्यालय और सरपंच तथा पंच के ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर लिए जाएंगे। क्लस्टर का गठन 10-15 पंचायतों का समूह बनाकर किया जाएगा। सिंह ने निर्देश दिया कि मार्च 2022 तक कार्यकाल पूरा करने वाली पंचायतों की रिक्तियों की जानकारी तीन दिन खे अंदर भेजना सुनिश्चित करें।
सभी पंचायतों का होगा चुनाव
सिंह ने कहा कि प्रदेश की सभी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और जिनका मार्च 2022 तक पूरा हो रहा है, का निर्वाचन करवाया जाएगा। मतदान तीन चरणों में होगा। सेक्टर और जोनल अधिकारी की नियुक्ति कर उन्हें निर्वाचन के दौरान विशेष कार्यपालिक दंडाधिकारी शक्तियां देने का प्रस्ताव शीघ्र भेजें।
मतपेटी से होगा पंच-सरपंच का चुनाव
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जिले के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों को चिह्नित कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रत्येक रिटर्निंग ऑफिसर स्तर पर सुविधा केंद्र की स्थापना करें। जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंच पद के लिए नाम निर्देशन-पत्र ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन भरने का भी प्रावधान किया गया है। ईवीएम की हैंडलिंग बहुत ही सावधानीपूर्वक करें। जिला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत सदस्य के लिए मतदान ईवीएम से और सरपंच तथा पंच के लिए मतदान मत-पत्र व मत पेटी के माध्यम से होगा। पंचायत निर्वाचन के लिए जरूरी सामग्री की खरीदी कर लें। जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था कर लें।
दीवापली बाद चुनाव की संभावना
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि तैयारी पूरी रखें। कयास लगाए जा रहे हैं कि दीपावली बाद पंचायत चुनाव हो सकते हैं। अगले महीने आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि सरकार को नगरीय निकाय चुनाव भी करवाने हैं जो लगातार टलते जा रहे हैं। 2023 में मप्र में विधानसभा चुनाव भी हैं। इसके चलते पंचायतों व निकाय के चुनाव करवाने की अटकलें जोर पकड़ रही है।