गुना में झांकी विसर्जन के दौरान एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां ‘गुना की महारानी’ को भक्त 8 कंधे पर बैठाकर 8 किलोमीटर तक पैदल चलकर विसर्जन के लिए ले गए।

शुक्रवार को झांकियों का विसर्जन किया गया। शहर में कई जगह विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। सिंगवासा तालाब, गोपालपुरा तालाब, चौपट नदी, सिंध नदी समेत कई जगह प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की गई है। गुरुवार शाम से ही शहर से प्रतिमाएं विसर्जन स्थलों तक पहुंचने लगी थीं। छोटी प्रतिमाओं के जहां सिंगवासा तालाब में विसर्जित किया गया। वहीं, बड़ी मूर्तियां अधिकतर बजरंगगढ़ की चौपट नदी में विसर्जन करने ले जाई गईं।

सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र शहर के तलैया मोहल्ले में लगी झांकी रही। इस झांकी को ‘गुना की महारानी’ नाम दिया गया था। माता की प्रतिमा को श्रद्धालु कंधों पर उठाकर सिंगवासा तालाब तक लेकर गए। तलैया मोहल्ले से जुलूस दोपहर करीब 1 बजे शुरू हुआ। नई सड़क, हाट रोड, हनुमान चौराहा, कैंट चौराहा होते हुए यह सिंगवासा तालाब तक पहुंचा। 8 किमी का यह सफर करीब 4 घंटे में तय किया गया। जगह-जगह विसर्जन जुलूस का स्वागत किया गया।

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