शारदीय नवरात्र की नवमी को शक्तिपीठ कालीमठ में आराध्य महाकाली ने अपने पश्वा पर अवतरित होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया।

सुबह आठ बजे से ही मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। मुख्य पुजारी ने आराध्य महाकाली का शृंगार किया। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया। इस दौरान केदारघाटी, तुंगनाथ घाटी, मद्महेश्वर घाटी, कालीमठ घाटी समेत अन्य क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे देवी भक्तों ने आराध्य की पूजा-अर्चना की। महाकाली अपने पश्वा मोहन सिंह रावत पर अवतरित हुईं और भक्तों को आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व अष्टमी की रात को महालक्ष्मी ने महाकाली की पूजा-अर्चना की। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने देवी को सामूहिक अर्घ्य भी लगाया। मौके पर पुजारी दिनेश गौड, सतीश चंद्र गौड़, जय प्रकाश गौड़, मठाधिपति अव्वल सिंह राणा समेत अन्य लोग मौजूद थे। इधर, जिले के अन्य देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्र के नवमी पर देवी भक्तों ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की।

 

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