हिज होलीनेस द दलाईलामा चैरिटेबल ट्रस्ट को पिछले छह महीने में एक भी विदेशी पैसा नहीं मिला है। दलाई लामा के नाम से धर्मशाला में दो ट्रस्ट चल रहे हैं। यह जानकारी एक ट्रस्ट की है। दूसरे ने साझा नहीं की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस विदेशी मदद का ब्योरा मांगा है। यह जानकारी मंत्रालय की ही एक वेबसाइट पर साझा की गई है।
हिज होलीनेस द दलाईलामा चैरिटेबल ट्रस्ट को अप्रैल से जून 2021 और जुलाई से सितंबर 2021 के बीच कोई भी विदेशी मदद नहीं मिली है। इसी ट्रस्ट को अक्तूबर से लेकर दिसंबर की तिमाही में भी मात्र 18 हजार रुपये की विदेशी सहायता मिली। जनवरी से मार्च 2021 के बीच इसे आई मदद का ब्योरा नहीं दिया गया है। जुलाई 2020 से सितंबर 2020 के बीच इसे 4 लाख 60 हजार 645 रुपये की आर्थिक मदद मिली।
हालांकि द दलाईलामा ट्रस्ट नाम की एक अन्य संस्था को जनवरी से मार्च 2021 के बीच 62 लाख 69 हजार 458 रुपये की विदेशी मदद आई। जुलाई 2020 से लेकर सितंबर तक एक करोड़ आठ लाख 96 हजार 292 रुपये की आर्थिक मदद मिली। अप्रैल 2020 से लेकर जून 2020 तक 11 करोड़ 60 लाख 44 हजार 263 रुपये की विदेशी मदद मिली। इस संस्था का पिछले छह महीने का ब्योरा साझा नहीं किया गया है। एक अन्य तिब्बती संस्था द बीड़ तिब्बतन सोसायटी को भी विदेशों से कोई आर्थिक सहायता नहीं आई।
इन संस्थाओं को तीन महीने में मिली भरपूर मदद
हालांकि अन्य संस्थाओं में न्यिंगमापा बुद्धिस्ट चैरिटेबल इंस्टीट्यूट को 39,44,101 रुपये की विदेशी सहायता मिली है। संभोटा तिब्बतन स्कूल सोसाइटी को 43 लाख 1 हजार 62 रुपये की मदद मिली। न्यिंगटॉप लिंग सोसाइटी को 3 लाख 883 रुपये, लाइब्रेरी ऑफ तिब्बतन वर्क्स एंड आर्काइव्स को 23 लाख 69 हजार 146 रुपये की सहायता मिली। तिब्बतन मेडिकल इंस्टीट्यूट को 31 लाख 4 हजार 732, तिब्बतन चैरिटी को 8 लाख 27 हजार 101 रुपये, खामगार द्रुक धमचक्रा को 16 लाख 74 हजार 444 रुपये और कर्मा द्रुब्ग्यू थारगे लिंग महायान बुद्धिस्ट चैरिटेबल सोसाइटी को एक करोड़ 33 लाख 55 हजार 927 रुपये, दोरजांग मोनास्टिक इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट को 11 लाख 80 हजार, डोंगयू गाज्साल लिंग ट्रस्ट को 86 लाख 12 हजार 27 रुपये की मदद आई है।
बेराचाह चर्च ऑफ गॉड को आई 9,02,930 रुपये की विदेशी मदद
कांगड़ा स्थित बेराचाह चर्च ऑफ गॉड को भी विदेशों से 9 लाख 2 हजार 930 रुपये की विदेशी मदद आई है।