देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी नर्मदेश्वर जमलोकी (54) का हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। मंदाकिनी नदी किनारे जयवीरी में पैतृक घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई। उनके निधन से घर, परिवार समेत केदारघाटी क्षेत्र में शोक की लहर है।

ब्राह्मण खोली ऊखीमठ निवासी व देवस्थानम बोर्ड में कार्याधिकारी/प्रचार अधिकारी के पद पर तैनात जमलोकी सितंबर आखिरी सप्ताह में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने केदारनाथ गए थे। 4 अक्तूबर को वहां, उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें सीधे देहरादून में एक अस्पताल में भर्ती किया गया। परिजनों की मौजूदगी में चिकित्सकों द्वारा उनकी नियमित निगरानी की जा रही थी लेकिन शुक्रवार देर रात अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। शनिवार सुबह एंबुलेंस से उनके शव को ऊखीमठ लाया गया। पैतृक घाट पर उनके पुत्र सूरज जमलोकी व शुभम जमलोकी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। मौके पर विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, पूर्व जिपं अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट सहित कई क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व अन्य लोग थे। दूसरी तरफ उच्चस्तरीय कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, वित्त नियंत्रक जगत सिंह चौहान, अनिल शर्मा, शिशुपाल बर्त्वाल, सुनील तिवारी, अनिल ध्यानी, एएस नेगी, राकेश सेमवाल, राजकुमार नौटियाल, डॉ. हरीश गौड़ ने दुख प्रकट किया है।

रुद्रप्रयाग के पहले जिला सूचना अधिकारी थे जमलोकी
अगस्त्यमुनि। देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी नर्वदेश्वर जमलोकी ने वर्ष 2000 से 2001 तक रुद्रप्रयाग के पहले सूचना अधिकारी के तौर पर ऑन डेपुटेशन डेढ़ वर्ष तक कार्य किया। वे इस दौरान तत्कालीन बीकेटीसी के विश्राम गृह में बतौर प्रबंधक के पद पर तैनात थे। वर्ष 1997 में रुद्रप्रयाग जिला गठन के बाद भी दो वर्ष तक चमोली जिला सूचना विभाग से ही रुद्रप्रयाग का कार्य भी संचालित होता रहा। इसके बाद रुद्रप्रयाग के तत्कालीन डीएम रमाशंकर सिंह के प्रयास से जिले में सूचना अधिकारी की तैनाती हुई थी। इसपर बीकेटीसी से डेपुटेशन पर जमलोकी को जिला सूचना अधिकारी बनाया गया था। जमलोकी साहित्यकार के साथ पत्रकार भी थे।

 

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