भोपाल। कितना रोमांचक होगा ना। नवरात्रि के अवसर पर माता रानी को चढ़ाए गए फूल 6 महीने बाद अगली नवरात्रि पर आपको फिर से खिलखिलाते हुए मिलेंगे। हां, यह जरूर हो सकता है कि फूल का रूप रंग बदल जाए। दरअसल, भक्तों द्वारा मंदिरों पर चढ़ाए जा रहे फूलों से खाद बनाई जाएगी और यह खाद उद्यानों में डाली जाएगी। जहां पुष्पों की कई प्रजातियों के पौधे लगे हैं। यानी फूल से बनी खाद फिर से फूल बन जाएगी।
भोपाल में हर रोज 10 टन फूल चढ़ाए जा रहे हैं
भोपाल शहर में नवरात्रि के अवसर पर 500 से ज्यादा पंडाल सजाए गए हैं। फूल के तो व्यापारियों का कहना है कि हर रोज लगभग 10 टन फूल की डिमांड आ रही है। लाखों नींबू और हजारों नारियल भी चढ़ाए जा रहे हैं। इसी सामग्री से नगर निगम जैविक खाद और अगरबत्ती बनाएगा। रोजाना 4 गाड़ियां फूल, नींबू-नारियल इकट्ठा करेगी और एम्स-आदमपुर छावनी स्थित प्लांट पर लेकर जाएगी। जैविक खाद पार्कों में इस्तेमाल की जाएगी।
सितंबर में गणेश विसर्जन के दौरान भी नगर निगम ने सूखी-गीली पूजन सामग्री एकत्रित की थी। 80 टन से ज्यादा फूल मालाएं इकट्ठा की गई थी। जिससे जैविक खाद बनाई जा रही है। यही प्रोसेस अब दुर्गा उत्सव के दौरान भी अपनाई जा रही है।
फूलों से जो जैविक खाद बनाई जाएगी, वह नगर निगम के पार्कों के काम आएगी। शहर में निगम के करीब 157 पार्क है। वहीं नए पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं। 2019 में भी दुर्गा उत्सव पर नगर निगम ने यह पहल की थी। तब एक ट्रक नींबू एकत्रित हुए थे। वहीं कई टन फूलों से खाद और अगरबत्ती बनाई गई थी।