ऋषिकेश। तीर्थनगरी में वीकेंड पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। लक्ष्मणझूला रोड पर चंद्रभागा से तपोवन तक दिनभर वाहन रेंग-रेंगकर चलते हुए दिखाई दिए। लक्ष्मणझूला, तपोवन, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती और नीलकंठ धाम में हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान के पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। मुनिकीरेती और तपोवन में बने पार्किंग स्थल सैलानियों के वाहनों से पैक हो गए। होटल और कैंप भी फुल हो गए है। बढ़ती भीड़ के साथ पुलिस प्रशासन की व्यवस्था धाराशायी हो गई।
लक्ष्मणझूला रोड स्थित कैलासगेट के समीप स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई कोविड-19 जांच सेंटर और गरुड़चट्टी में बने कोविड-19 जांच सेंटर केवल खानापूर्ति तक ही सीमित है। यहां केवल औपचारिकता के लिए पर्यटकों को रोककर उनके कोविड-19 रिपोर्ट चैक की जा रही है। लंबी लाइन और भीड़ बढ़ने पर पर्यटक सीधे आगे बढ़ रहे हैं। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। नीलकंठ धाम में पर्यटकों और वाहनों को अधिक दबाव देखने को मिला। नीलकंठ धाम में हजारों लोगों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, तपोवन के गंगा घाटों और तटों पर पर्यटक जान जोखिम में डालकर गंगा में डुबकी लगाते हुए नजर आए।
कालीकुंड में पर्यटकों की उमड़ी भीड़
ऋषिकेश। उसके बाद अमर उजाला की टीम यहां से करीब छह किमी आगे घट्टूगाड के समीप 12 बजकर 24 मिनट में कालीकुंड झरने के पास गई। यहां का दृश्य देखने के बाद तो होश ही उड़ गए। यहां कुंड में बह रहे झरने पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रही। जहां कोविड-19 के नियम तार-तार हो गए। पानी में अठखेलियां करते सैलानियों को कोरोना संक्रमण का भय भी नहीं सता रहा था।
सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े वाहन
ऋषिकेश। उसके बाद अमर उजाला की टीम नीलकंठ धाम पहुंची। नीलकंठ धाम में यातायात के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। यहां पार्किंगों को छोड़ पर्यटकों के वाहन सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े नजर आए। जिससे दिनभर यहां जाम लगा रहा। यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यहां पुलिस प्रशासन की ओर से एक भी जवान तैनात नहीं था। पार्किंग से लेकर नीलकंठ धाम तक पुलिस जवान, होमगार्ड और पीआरडी की कोई व्यवस्था नहीं थी। नीलकंठ धाम में उमड़ने वाली बढ़ती भीड़ स्वयं ही यातायात व्यवस्थाएं बनाने में जुटी रही।
शोपीस बनी नीलकंठ पुलिस चौकी
ऋषिकेश। नीलकंठ धाम परिसर लक्ष्मणझूला थाने की पुलिस चौकी बनी हुई है। लेकिन वर्तमान में यह चौकी एक कांस्टेबल और दो पीआरडी के जवानों के भरोसे चल रही है। जिसके चलते नीलकंठ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और यातायात व्यवस्थायें पटरी से उतर गई हैं।