अगले साल हरिद्वार में प्रस्तावित महाकुंभ मेले का आयोजन तय समय पर ही होगा। अलबत्ता महाकुंभ का स्वरूप क्या होगा, इसका निर्णय मुख्य धार्मिक आयोजन शुरू होने से ठीक पहले फरवरी 2021 में हो पाएगा। रविवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और अखाड़ा परिषद के संतों के बीच महाकुंभ 2021 को लेकर अहम बैठक हुई। बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरीगिरी जी महाराज ने बताया कि सभी अखाड़ों और संतों से बातचीत के आधार पर ज्योतिष गणना के अनुसार ही महाकुम्भ मेले आयोजित करने की राय बनी है।

हालांकि इसका स्वरूप क्या होगा ? मेला किस स्तर पर आयोजित होगा? इन सब बातों का निर्णय सरकार के द्वारा फरवरी 2021 में तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए लिया जाएगा। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि परम्पराओं का ध्यान रखते हुए अगले वर्ष कुम्भ मेले का आयोजन समय पर होगा। परंतु आगामी फरवरी माह में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप संत महात्माओ से चर्चा के बाद मेले के स्वरूप के बारे में निर्धारित किया जाएगा। इस बीच स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्य चलते रहेंगे।

बैठक में श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज, श्री महंत महेशपुरी जी महाराज सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे। दरअसल, कोरोना असर के चलते कुंभ मेला आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बन रही थी, इस कारण अब सरकार और अखाड़ा प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बाद इस पर स्थिति स्पष्ट हो गई है।

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