उत्तराखंड में मानसून शुरुआत से ही खौफनाक रूप दिखा रहा है। कई घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं। बरसाती नालों में भी पानी बढ़ गया है। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। जिस कारण अलर्ट जारी किया गया है। गंगा, गोरी, शारदा, अलकनंदा, मंदाकिनी और नंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा हाईवे सहित कई मार्ग बंद हैं।
पहाड़ों और मैदानी भागों में हो रही लगातार बारिश के कारण योगनगरी में गंगा का जलस्तर बढ़ गया। गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। शनिवार शाम पांच तक गंगा का जलस्तर 340.50 मीटर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों ने बताया कि गंगा नदी वॉर्निंग लेवल 339.50 मीटर से डेंजर लेवल 340.50 के ऊपर नीचे बह रही थी।
गंगा नदी में सिल्ट और लकड़ी की डाट बहकर आने से पशुलोक बैराज के सभी 15 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं चीला शक्ति नहर में पानी न जाने से उत्पादन ठप हो गया है। यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम) की ओर से हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम, त्रिवेणी और लक्ष्मण झूला के लगभग सभी गंगा घाट डूब गए हैं। मायाकुण्ड, चंद्रेश्वर नगर में पानी भर गया है। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम का कथा स्थल भी जलमग्न हो गया है।
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तपोवन नगर और मुनिकीरेती में आश्रमों और होटलों को अलर्ट जारी किया गया है। टिहरी, पौड़ी और ऋषिकेश प्रशासन लगातार मुनादी करवा रहा है। रायवाला के गौहरी माफी, प्रतीतनगर व श्यामपुर के खदरी माफी में लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।