उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। अलकनंदा नदी 627 और मंदाकिनी नदी 626 मीटर पर बह रही हैं, जो मूल बहाव से दो मीटर ऊपर है।
शुक्रवार सुबह से जिले में बारिश हो रही है। सात बजे नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया था। जबकि साढ़े आठ बजे के नदियां खतरे के निशान से भी यह दो मीटर ऊपर से बह रही है। प्रशासन द्वारा नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि स्थिति पर नजर जा रखी है।
श्रीनगर में चेतावनी स्तर पार कर गया अलकनंदा का जलस्तर
बारिश के कारण श्रीनगर में भी अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ गया। बढ़ते जल स्तर और नदी में आ रहे मलबे को देखते हुए श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील से पानी छोड़ा गया। शुक्रवार को दिनभर श्रीनगर में जलस्तर घटता-बढ़ता रहा और कई बार यहां जल स्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया। शुक्रवार सुबह 8 बजे तक क्षेत्र में 8.4 एमएम बारिश हुई। पूर्वाह्न 11 बजे नदी का जल स्तर 544.70 मीटर था जो खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर नीचे था। जबकि चेतावनी स्तर 535 मीटर और खतरे का निशान 536 मीटर है।
रामणी गांव के घरों में घुसा पानी, बारिश से अफरातफरी
चमोली जिले में बृहस्पतिवार देर रात शुरू हुई बारिश शुक्रवार को दिनभर होती रही। बारिश से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बदरीनाथ हाईवे के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 32 सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं। वहीं गाड़-गदेरों के उफान पर आने से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया। घाट बाजार के बीचों बीच बह रही चुफलागाड गदेरे का जलस्तर बढ़ने से व्यापारियों व लोगों में अफरातफरी मची रही। जबकि रामणी गांव में कई घरों में पानी घुस गया।
शुक्रवार को दिनभर तेज बारिश से गाड-गदेरे उफान पर आ गए। घाट ब्लाक के रामणी गांव में बरसाती पानी ग्रामीणों के घरों में घुस गया। घाट मुख्य बाजार में चुफलागाड़ में उफान देख दुकानदारों और ग्रामीणों में अफरातफरी मची रही। लोग घरों में जाने से कतराते रहे। मलबा आने से जिले में 90 सड़कें बंद हो गई थीं। लोनिवि व पीएमजीएसवाई ने 58 सड़कों को खोल दिया है, जबकि 32 मार्ग बंद हैं।
वहीं मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बेनाकुली बैंड, लामबगड़, गुलाबकोटी और रड़ांग बैंड के समीप बंद हो गया है। वहीं हेलंग-उर्गम सड़क भी जल विद्युत परियोजना हेलंग के समीप भूस्खलन होने से करीब बीस मीटर तक क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही ठप हो गई है। पोखरी में कनकचौंरी-पोगठा, उडामांडा-रौता, उडामांडा-सिनाऊं और हापला-गुड़म मार्ग मलबा आने से बंद हो गए। क्षेत्र में लगातार बारिश से सड़कों को खोलने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।
उफान पर बहीं नदियां
लगातार हो रही बारिश से जिले की प्रमुख नदियां भी उफान पर हैं। हालांकि सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। अलकनंदा 953.40 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 957.42 मी. है। नंदाकिनी 868.65 मी. (खतरे का निशान 871.50 मी.) और पिंडर नदी 770.28 मीटर (खतरे का निशान 773 मी.) पर बह रही