चीन में एक ऐसा भी जनरल हुआ है जिसने युद्ध की रीति और नीति दोनों ही बदल दी थी। इस शख्स का नाम है सुन जू (chinese general sun tzu)। सुनजू ही वो शख्स है जिसके नक्शेकदम में आज भी चीन की सेना चलती है।
नई दिल्ली
भारत और चीन दोनों देशों की हिंसक झड़प ने एक नये विवाद को जन्म दे दिया है। चीन की विस्तारवादी सोच कोई नई नहीं है। इसका इतिहास उठाकर देखेंगे तो पाएंगे कि हमेशा से ही चीन की नियत पर फरेब रहा है। चीन में एक ऐसा भी जनरल हुआ है जिसने युद्ध की रीति और नीति दोनों ही बदल दी थी। इस शख्स का नाम है सुन जू (chinese general sun tzu)। सुनजू ही वो शख्स है जिसके नक्शेकदम में आज भी चीन की सेना चलती है। इसके जन्म की कोई पुख्ता तारीख तो नहीं है लेकिन कहा जाता है कि 544 ईपू में इसका जन्म हुआ था। सुन जू (chinese general sun tzu) को एक समय में चीन सेना का सबसे बड़ा रणनीतिकार माना जाता था। चूंकि वह एक शानदार रणनीतिकार होने के साथ-साथ एक सफल लेखक भी रहे हैं। सुन जू ने The Art Of War किताब की रचना भी थी।
सुन जू की सोच और चीनी सेना की चाल एक जैसी
उनके बारे में कई दिलचस्प कहानियां सामने आती है। आमतौर पर बचपन में बच्चों को खेलने का शौक होता है, किन्तु सुनजू के मामले में बताया जाता है कि इसे बचपन में युद्ध करने का शौक़ था। इस दिलचस्पी का एक कारण यह भी हो सकता है कि जिस दौर में सुनजू पैदा हुए थे, उस दौर में एशियाई देशों में राजा महाराजा अपने क्षेत्र के हिसाब से एक दूसरे के राज्य में आक्रमण करते रहते थे। इस कारण से छोटे- छोटे कबीले अपनी इच्छानुसार युद्ध के मैदान में अपने शासकों को समर्थन देने के लिए कूद पड़ते थे। इस कारण युद्ध के किस्सों को सुनकर सुनजू बड़ा हुआ। साथ ही उसके मन में भी युद्ध कौशल सीखने का शौक पनपने लगा। उस समय में किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आने वाले समय में यह बच्चा चीन सेना के जनरल का पद संभालेगा।
सुन जू और किताब
सुन जी के लेख और उसकी किताब को पढ़ने के बाद आप खुद ही आंकलन लगा लेंगे कि इसमें जीत के लिए किसी भी छल कपट का साथ लेना इनके युद्ध का हिस्सा था। जोकि चीनी सेना आज भी इसका इस्तेमाल कर रही है। चीनी सेना लगातार भारत पर छलकपट से विस्तारवादी सोच को कामयाब बनाना चाहती है। हजारों साल पहले सुन जू की लिखी किताब का अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है। इन किताब में युद्ध की हर नीति का वर्णन किया गया है।
चीनी सेना इसकी लिखी किताब को मानती है सबकुछ
युद्ध को और उससे जुड़ी नीतियों को जानने में जो महारथ चाइना के ‘सन जू’ ने हासिल की, वह शायद ही आज तक कोई और मिलिट्री लीडर हासिल कर पाया हो! वह युद्ध और उससे जुड़ी नीतियों को लेकर इस तरह संजीदा थे कि एक बार केवल युद्ध में संजीदगी का सबक सिखाने के लिए उन्होंने अपने ही महल की दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया था। इससे ही आप आंकलन लगा सकते हैं कि ये कितना निर्दयी शासक और रणनीतिकार था।
सुन जू की सोच और चीनी सेना
आज भी चीनी सेना उसी नक्शेकदम में चल रही है। ‘सन जू’ के मुताबिक है कि यदि दिए गए आदेश साफ ना हो तो वह जनरल की गलती होती है, लेकिन यदि दिए गए आदेश साफ हो और उन पर गौर नहीं किया जाए तो गलती उन आदेशों को गंभीरता से न लेने वाले सैनिकों की होगी। वू साम्राज्य, जो ‘सन जू’ की जन्मभूमि थी। उसे बड़े पड़ोसी मुल्क से बचाने में ‘सन जू’ ने जो नीतियां तैयार की थी, वह आगे चलकर ‘आर्ट ऑफ वॉर‘ की नींव बनीं।
सुन जू की सोच और चीन की विस्तारवादी सोच एक जैसी समानता है। नीचे लिखे जू के कुछ विचार हैं। जिनसे आप आसानी से समझ सकते हैं कि सुन जू किस तरह का निर्दयी और गलत सोच रखने वाला इंसान है।
- सब लोग उन युक्तियों को देख सकते हैं जिनसे मैं विजय प्राप्त करता हूँ, लेकिन उन रणनीतियों को कोई नहीं देख सकता जिनसे विजय प्राप्त होती है।
- सभी युद्ध धोखे पर आधारित है।
- निराकरता की सीमा तक सूक्ष्म रहो, अत्यंत रहस्यमय रहो, तभी तुम प्रतिद्वंद्वी के भाग्य का निदेशक हो सकते हो।
- सौ लड़ाई में सौ जीत जीतने के लिए कौशल की परिपूर्णता नहीं है। बिना लड़े दुश्मन को वश में करना कौशल की परिपूर्णता है।
- वे जो जानते हैं की वो कब लड़ सकते हैं और कब नहीं , विजयी होंगे।
- अगर आप शत्रु से दूर हैं तो उन्हें विश्वास दिलाईये की आप निकट हैं।
- अगर आप शत्रु को जानते हैं और स्वयं को जानते हैं तो आपको सौ युद्धों के परिणामों से भी डरने की जरुरत नहीं है।
- अपराजेयता रक्षा में निहित होती है, जीत की संभावना आक्रमण में होती है।
- युद्ध की व्यावहारिक कला में सबसे अच्छी बात ये है शत्रु राष्ट्र को सम्पूर्ण रूप से हासिल करना, उसे विखंडित एवं नष्ट करना अच्छी बात नहीं है।
- केवल प्रबुद्ध शासक और बुद्धिमान सेना नायक ही सर्वोच्च प्रतिभा का उपयोग खुफिया तंत्र के लिए करते हैं, और परिणाम स्वरूप महान नतीजे प्राप्त करते हैं।
- अपने सैनिकों को अपने बच्चों जैसा अपनाएं, वे आपका कठिन परिस्थितियों में भी साथ देंगे; उनकी तरफ आपने पुत्रो की तरह देखें और वे आपका म्रत्यु तक भी साथ देंगे।
- गुप्त परिचालन युद्ध में आवश्यक हैं, उन पर सेना के लिए अपनी हर चाल चलना निर्भर करता है।
- प्रबुद्ध शासक हमेशा चौकन्ना रहता है, और अच्छा सेना नायक पूर्णतः सतर्क।
- एक सेना नायक जो बिना डर और अपमान के आगे बढ़ता है, जिसकी कोच सिर्फ अपने राष्ट्र की रक्षा करनी है, किसी भी राज्य के लिए बहुमूल्य है।
- हार से खुद को सुरक्षित करने का अवसर हमारे ही हाथों में निहित है, लेकिन दुश्मन को हराने के अवसर दुश्मन खुद द्वारा प्रदान की जाती है।
सीमा पर मौजूदा स्थिति
भारत और चीन में लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो चुका है। इस बीच सूत्रों के अनुसार भारत ने सेना को फैसला लेने की पूरी छूट दे दी है। बता दें कि चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। चीन के धोखे के बाद देश में काफी गुस्सा है। सूत्रों के अनुसार, सेना को अपने हिसाब से फैसला लेने की छूट दे दी गई है। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी अफेयर्स की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया है। इस बीच अभी रक्षा मंत्री, तीनों सेना के चीफ लगातार बैठक कर रहे हैं। भारतीय सैन्य अधिकारियों ने बताया कि चीनी सैनिकों ने बड़ी संख्या में भारतीय जवानों का शव सोमवार सुबह सौंपे। इस खूनी संघर्ष में कितने चीनी सैनिक मारे गए हैं इस बारे में पेइचिंग कुछ नहीं बताया है। लेकिन भारतीय सेना ने दावा किया है कि उन्होंने चीनी सेना की बातचीत सुनी है और चीन के 40 सैनिक मारे गए हो सकते हैं।