अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदने में लग रहे घोटाले के आरोपों पर संतों ने पलटवार करना शुरू कर दिया है। जूना अखाड़ा खुलकर ट्रस्ट के समर्थन में कूद पड़ा है और आरोप लगाने वालों के इरादे पर उंगली उठा दी है। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा है कि लगता है कि स्वार्थ के उद्देश्य से इस तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण से जुड़ी हर गतिविधियां प्रामाणिक और पारदर्शी हैं।
दिव्य अभियान को कलंकित करने का प्रयास अयोध्या में बन रहे राम मंदिर ट्रस्ट के फंड से जमीन खरीद में हुए घोटालों के आरोपों पर जूना अखाड़ा के संत आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा है, ‘राम मंदिर का निर्माण और इससे जुड़ी गतिविधियां प्रामाणिक और पारदर्शी हैं। इस दिव्य अभियान को कलंकित करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है कि यह गलत सूचना अभियान स्वार्थ के उद्देश्य से प्रेरित हैं।’ गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने रविवार को आरोप लगाया था कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी है।
कांग्रेस ने की सुप्रीम कोर्ट तक से दखल देने की मांग आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या के बाग बिजैसी गांव में 1.208 हेक्टेयर जमीन 18.5 करोड़ में ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से खरीदी, जो कि महज 2 करोड़ की थी। उन्होंने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताते हुए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से इसकी जांच कराने की मांग की है। समाजवादी पार्टी ने भी ट्रस्ट पर इसी तरह के आरोप लगाए हैं। उधर कांग्रेस ने भी अगले साल आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट पर भगवान राम के नाम पर लोगों की आस्था से खेलने का आरोप लगाया है। पार्टी ने तो इसमें सुप्रीम कोर्ट तक से दखल देने की मांग कर दी है। हालांकि,अपनी सफाई में चंपत राय ने सिर्फ इतना कहा है कि उन लोगों पर तो महात्मा गांधी तक की हत्या के आरोप लग चुके हैं और वह ऐसे आरोपों से नहीं डरते। वैसे उन्होंने आरोपों पर अपनी ओर से देखने की बात जरूर कही है।

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