हरिद्वार में 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का शाही स्नान कड़ी चुनौती और संतों की नाराजगी के बाद भी निर्धारित समय पर पूरा हुआ। मेला प्रशासन के मुताबिक समय प्रबंधन का पालन करते हुए 110 सालों में पहली बार अखाड़ों ने निर्धारित समय अवधि में स्नान किया।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि अखाड़ों के बीच किसी तरह का टकराव न हो इसके लिए क्रमवार समय निर्धारित था। आने और जाने का रूट अलग था। उन्होंने कहा कि बैरागियों की संख्या अधिक थी। उनके स्नान का समय भी अधिक था। भीड़ अधिक होने से बैरागी संतों ने निर्धारित समय तक ब्रह्मकुंड खाली नहीं किया। जिससे बड़ा उदासीन के संत नाराज हो गए थे।उनकी नाराजगी दूर कर निर्धारित समय पर सभी 13 अखाड़ों का स्नान कराया गया। मेलाधिकारी ने कहा कि संतों की नाराजगी को मेला प्रशासन आशीर्वाद के रूप में लेता है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को मेष संक्रांति का शाही स्नान भी 12 अप्रैल की तर्ज पर होगा। श्रद्धालुओं को नजदीकी घाटों पर ही स्नान कराया जाएगा। श्रद्धालुओं को उनके पार्किंग स्थलों तक निशुल्क शटल बस सेवा से छोड़ा जाएगा। शाही स्नान के दौरान डीजीपी अशोक कुमार, गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि घाटों पर तैनात पुलिस बल ने श्रद्धालुओं को तीन डुबकी एक स्नान के मंत्र से भीड़ नियंत्रित की। मेला क्षेत्र में कोविड गाइडलाइन का पालन न करने वाले 83 लोगों का चालान भी किया गया। बिना कोविड टेस्ट के आए 357 वाहनों में सवार 2758 लोगों को लौटाया गया।शाही स्नान को लेकर मार्ग को सात सेक्टरों में बांटा गया था। संचार व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए अखाड़ा, जीआरपी, पैरामिलिट्री एवं यातायात सहित 16 सब कंट्रोल रूम बनाए गए थे। वहीं, पैर फिसलने से गंगा में बहने वाले तीन लोगों को जल पुलिस ने बचाया। गंगा घाटों पर 20 नावें तैनात रहीं। वहीं फ्लोटरिंग रेस्क्यू प्लेटफार्म पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहे। टीम ने दो पुरुष व एक महिला को डूबने से बचाया।रेलवे स्टेशन, नगर नियंत्रण कक्ष और गंगा सभा प्रसारण केंद्र के साथ दक्षदीप पार्किंग, पावनधाम के समीप, चंडी टापू मीडिया सेंटर, शंकराचार्य चौक, धीरवाली पार्किंग, नीलधारा पार्किंग के समीप, कनखल एवं कुंभ के लिए बनाए गए 23 अस्थायी थाना परिसरों में खोया-पाया केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर अपनों से बिछड़े 47 लोगों (23 महिला, 24 पुरुष) में से 36 लोगों (17 महिला, 19 पुरुषों) को परिजनों से मिलाया गया। वहीं 11 (06 महिला, 05 पुरुष) के परिजनों की खोजबीन जारी है। वहीं, सोमवती अमावस्या के स्नान पर कोविड संक्रमण ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। हरिद्वार जिले में 563 कोविड संक्रमित मिले हैं। इनमें दूसरे राज्यों से महाकुंभ स्नान के लिए हरिद्वार आए 112 यात्री भी शामिल हैं। 26 यात्रियों के कोविड पॉजिटिव मिलने के बाद राज्यसीमा से लौटा दिया गया। जबकि 86 यात्रियों को कोविड केयर सेंटर में आइसोलेट किया गया हैं। मेला क्षेत्र में जांच के दौरान 102 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand